पूरे देश और सिस्टम को झकझोर देने वाले निर्भया गैंगरेप केस में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए चारों दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए निर्भया कांड को ‘सदमे की सुनामी’ बताया। कोर्ट का फैसला आते ही कोर्ट रूम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। मुकेश, पवन, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह की अपीलों पर 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। और आज अपना फैसला सुनाते हुए चारों की सजा को बरकरार रखा है। चारों ने 13 मार्च, 2014 को उच्च न्यायालय द्वारा दोषी ठहराये जाने और सुनाई गयी मौत की सजा के खिलाफ अपील की थी। इन चारों के अलावा दो और दोषी थे। जिसमें से एक (राम सिंह) ने सुसाइड कर लिया था और दूसरा नाबालिग था। जिसको जिवेनाइल एक्ट के तहत छोड़ दिया गया था।
क्या है मामला: साल 2012 में 16 दिसंबर की रात को 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा के साथ दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में जघन्य तरीके से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उसे उसके एक दोस्त के साथ बस से बाहर फेंक दिया गया था। उसी साल 29 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में लड़की की मौत हो गयी थी।