बुरहान की मौत का बदला लेने के लिए कोर्ट में धमाके: NIA

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File Photo

नैशनल इन्वेस्टगेशन एजेंसी (NIA) ने बीत हफ्ते अल-कायदा समर्थित आतंकी संगठन ‘बेस मूवमेंट’ के खिलाफ चार्जशीट दायर की। इसके मुताबिक इस आतंकी संगठन ने बीते साल सुरक्षाबलों द्वारा एनकाउंटर में हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने का बदला लेने के लिए दक्षिण भारत की अलग-अलग अदालतों में 5 धमाकों को अंजाम दिया।

इसके अलावा गुजरात में इशरत जहां के मारे जाने, याकूब मेमन को फांसी और बीते साल मध्य प्रदेश में 8 सिमी आतंकवादियों के मारे जाने का बदला लेने के लिए भी कोर्ट परिसर में धमाकों को अंजाम दिया गया। NIA ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि 12 सितंबर 2016 को नेल्लोर कोर्ट में हुआ धमाका बुरहान वानी की मौत का बदला लेने के लिए किया गया था। 1 अगस्त 2016 को मैसूर कोर्ट में हुआ धमाका 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के आरोप में याकूब मेमन को फांसी दिए जाने और मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा सिमी के 8 आतंकियों को मारे जाने का बदला लेने के लिए किया गया था।

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इसी तरह बेस मूवमेंट ने गुजरात में हुए इशरत जहां एनकाउंटर का बदला लेने के लिए 15 जून को कोल्लम कोर्ट में धमाका किया। यह संगठन नोएडा के बिसाहड़ा में मोहम्मद इखलाक को पीट-पीटकर मारे जाने का भी बदला लेने का भी प्लान बनाया था। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक इस संगठन को यह भी लगता है कि जेल में बंद मुस्लिम कैदियों के साथ बुरा बर्ताव किया जाता है।

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नैनार अब्बास अली, दाऊद सुलेमान और सैमसन करीम रजा के खिलाफ यह चार्जशीट दायर की गई है। बेस मूवमेंट नाम के इस आतंकवादी संगठन ने बीते साल मैसूर, नेल्लोर, मल्लापुरम, कोल्लम और चित्तूर के कोर्ट में अप्रैल से नवंबर के बीच 5 धमाके किए थे। धमाकों के बाद चिट्ठी, विडियो, SMS और वॉट्सऐप मेसेज के जरिए इन धमाकों की जिम्मेदारी ली थी। इस संगठन ने तमिल अखबार दिनामलार के संपादक को जनवरी 2015 में चिट्ठी लिख कर शार्ली एब्दो अटैक की तरह ही हमले की धमकी दी थी।

NIA ने इन लोगों के पास से जो विडियो बरामद किए हैं उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के वरिष्ठ नेता एल.के. आडवाणी, राजनाथ सिंह, रिटायर्ड जनरल वी.के. सिंह, वीएचपी नेता प्रवीण तोगड़िया की क्लिपिंग्स शामिल हैं। इसके अलावा अमेरिका, रूस, फ्रांस, इजरायल और म्यांमार के दूतावासों की तस्वीरें भी बरामद की गई हैं।

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NIA की चार्जशीट के मुताबिक, इस संगठन का मकसद सरकार को मेसेज देना और मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ सरकार को चेतावनी देना था। संगठन का मानना है कि बीजेपी नेता एल.के. आडवाणी पर हमले से जुड़े इमाम अली केस और इसी तरह के दूसरे मामलों में मुस्लिमों को फंसाया जा रहा है और उन्हें जेल भेजा जा रहा है।