बीजेपी के इस नेता ने लगाई भारतीय रेलवे को 12 लाख की चपत… कैसे ? यहां पढ़ें

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बीजेपी की सरकार में सरकार के नेता ही सरकारी रेल को लाखों की चपत लगा रहे हैं। जी हां ये बात हम नहीं कह रहे बल्कि ये खबर पढ़कर आपको भी यकीन हो जाएगा कि मोदी और योगीराज में ये क्या हो रहा है। और जो सरकार भ्रष्टाचार और भगोड़ों पर नकेल कसने के दावे करती है..वही सरकार ऐसे नेताओं को तलब क्यों नही कर रही। चलिए सवाल तो खड़ें होंगे ही लेकिन पहले खबर पढ़िए… जनसत्ता की खबर के मुताबिक पिछले दो वर्षों में आगरा से एक वरिष्ठ बीजेपी नेता विनोद सामरिया को भारतीय रेलवे की ओर से 12 लाख रुपये का बकाया चुकाने के 6 नोटिस भेजे जा चुके हैं। ये बिल साल 2014 से लंबित हैं। लोकसभा चुनावों से पहले विनोद सामरिया 2 मार्च, 2014 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की विजय शंखनाद रैली के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को फतेहपुर सीकरी से लखनऊ लाए थे। शुरुआत बुकिंग का खर्चा 18.4 लाख रुपये था, जिसमें 5 लाख की सिक्योरिटी भी शामिल थी। इसका भुगतान उन्होंने पार्टी फंड से किया था। रेलवे ने इस खर्चे को 30.68 लाख तक बढ़ा दिया, क्योंकि ट्रेन को 4 स्टेशनों पर समर्थकों को लेने के लिए रोका गया था। अग्रिम भुगतान को समायोजित करते हुए अंतिम बिल राशि 12.3 लाख रुपये के करीब आई। सामरिया को उम्मीद थी कि पार्टी फंड से इस बिल का भुगतान हो जाएगा। लेकिन 11 मई को रेलवे के ताजा नोटिस के बाद सामरिया की चिंता बढ़ गई।

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जनसत्ता की खबर के मुताबिक साल 2014 में फतेहपुर सीकरी नगर यूनिट में पार्टी अध्यक्ष रहे सामरिया कहते हैं, ट्रेन मेरे नाम पर बुक थी। मैं एक किसान हूं और इतने ज्यादा बिल का भुगतान नहीं कर सकता। पार्टी नेताओं से गुजारिशों के बावजूद, मुझे सिर्फ दिलासे ही मिले हैं। अगर पार्टी यह बिल नहीं भरती तो रेलवे मेरी संपत्ति कुर्क कर सकती है। उन्होंने कहा, राज्य के बड़े नेताओं ने मुझसे कहा है कि मेरे खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, क्योंकि दिल्ली में अपनी सरकार है। सामरिया ने कहा कि उन्होंने पार्टी के जिला अध्यक्ष, राज्य के पार्टी अध्यक्ष, रेलमंत्री सुरेश प्रभु और रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा से बात की है।

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बीजेपी आगरा के अध्यक्ष श्याम भदौरिया ने पुष्टि करते हुए कहा कि सामरिया ने उनके मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि पिछले जिला अध्यक्ष के समय से यह मामला लंबित है, मैं इसे सुलझाने में लगा हूं। जब नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के डीसीएम (आगरा डिविजन) से बातचीत की गई तो उन्होंने दावा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और वह इस मामले को देखेंगे। यूपी के डिप्टी चीफ मिनिस्टर ने फोन कॉल का जवाब नहीं दिया।

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जनसत्ता के सौजन्य से खबर