जब राष्ट्रपति आवास के दरवाजे से सपरिवार बैरंग लौटा दिए गए थे कोविंद

0
राष्ट्रपति

सिर्फ एक महीने पहले की ही बात है, जब बिहार के गवर्नर राम नाथ कोविंद को शिमला स्थित भारत के राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास ‘द रिट्रीट’ में घुसने नहीं दिया गया था। सुरक्षा अधिकारियों ने उनसे कहा था कि कोविंद के पास राष्ट्रपति के दफ्तर से जरूरी मंजूरी नहीं है। किसे अंदाजा था कि कुछ दिनों बाद ही कोविंद बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे?

30 मई को कोविंद और उनका परिवार ‘द रिट्रीट’ के दरवाजों से वापस लौट आया था। उसी दिन गवर्नर की शादी की सालगिरह भी थी। कोविंद 28 मई को शिमला पहुंचे थे और राजभवन में ठहरे हुए थे। हिमाचल के गवर्नर आचार्य देवव्रत उनके अच्छे दोस्त हैं। दोनों को एक ही दिन गवर्नर नियुक्त किया गया था। वह 29 मई को देवव्रत की शादी की सालगिरह के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। कोविंद हिमाचल के गवर्नर के लिए तोहफे में बिहार से आमों का बक्सा लेकर गए थे।

इसे भी पढ़िए :  सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग में नियुक्ति को लेकर हुआ सख्त

इसके अगले दिन, कोविंद की शादी की सालगिरह थी। कोविंद शिमला में रहने के दौरान घूमने वाली जगहों के बारे में ठीक से नहीं जानते थे, इसलिए हिमाचल के गवर्नर के सलाहकार शशिकांत शर्मा ने उन्हें द रिट्रीट जाने की सलाह दी। शर्मा ने बताया, ‘मैंने उन्हें फॉरेस्ट एरिया घूमने की सलाह दी थी। मुझे लगता था कि उन्हें रिट्रीट जाने का मौका नहीं मिलेगा। हालांकि, बाद में वह वहां गए और उन्हें गेट से लौटना पड़ा।’ शर्मा के मुताबिक, वहां तैनात सुरक्षा अधिकारी यह नहीं जानते थे कि जिन्हें उन्होंने एंट्री नहीं दी, उसके बतौर प्रेजिडेंट द रिट्रीट लौटने की कोई गुंजाइश भी है। बता दें कि द रिट्रीट हिमाचल के मशोबरा में स्थित है, जिसे 1850 में बनाया गया था। 1895 में यह ब्रिटिश अफसरों के पास आ गया। भारतीय राष्ट्रपति साल में एक बार द रिट्रीट जरूर जाते हैं और पूरा ऑफिस इस दौरान वहीं रहता है।

इसे भी पढ़िए :  'कश्मीर मुद्दा सुलझाने पर ट्रंप को मिलेगा नोबेल पुरस्कार'