श्रीनगर : हिजबुल मुजाहिदी के कमांडर बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद से ही घाटी के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसी बीच रविवार को अचानक श्रीनगर के सिटी सेंटर पर लगाए गए एक पोस्टर ने माहौल के तनाव में और भी इजाफा कर दिया है। किसी संगबाज नाम के असोसिएशन की तरफ से लगाए गए इस पोस्टर में लड़कियों को धमकी दी गई है। लिखा गया है कि लड़कियों से रिक्वेस्ट की जाती है कि स्कूटी न चलाएं। अगर कोई लड़की ऐसा करते दिखेगी तो उसे स्कूटी समेत जला दिया जाएगा।
कथित तौर पर पत्थरबाजों का संगठन बताए जा रहे इस संगबाज असोसिएशन के पोस्टर में कुल 6 बातें लिखी गईं हैं। पोस्टर की शुरुआत कश्मीर घाटी के सभी भाइयों-बहनों को संबोधन के साथ होती है। इसकी अगली लाइन में ‘फ्रीडम मूवमेंट ऑफ कश्मीर वैली’ लिखा है। आगे लिखा है कि यह कश्मीर हमारा है, इसका फैसला हम करेंगे।पोस्टर में सभी दुकानदारों, वेंडरों और घाटी में काम करने वाले सभी व्यापारी समुदाय से अपील की गई है कि ‘लड़ाई’ में सहयोग करें और ‘लड़ाई’ खत्म होने तक अपनी दुकानें बंद रखें। पोस्टर में सभी मस्जिद प्रबंध समितियों से अपील की गई है कि वह नारेबाजी करें।
संगबाज संगठन की तरफ से जारी इस पोस्टर पर नवभारत टाइम्स ने कश्मीर की समझ रखने वाले स्थानीय लोगों से भी बात की। कश्मीरी लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता फैसल का कहना है कि यह सब एक प्रॉपेगैंडा के तहत सामने आया है।उन्होंने बताया कि सबसे पहली तथ्यात्मक बात तो यह है कि यहां पत्थरबाजी करने वाले संगठन का नाम तहरीक-ए-संगबाज है। जिस पोस्टर की बात की जा रही है, वह किसी अनजाने संगठन का है, जिसे कोई नहीं जानता। उन्होंने बताया कि इस पोस्टर में ढेरों अशुद्धियां हैं।उनके मुताबिक कश्मीर के अलगाववादी संगठन जब भी पोस्टर जारी करते हैं तो अधिकतर मामलों में वह उर्दू भाषा का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा पोस्टर हस्तलिखित होते हैं। उन्होंने बताया कि कश्मीर में जब भी विरोध-प्रदर्शन होते हैं, तो इस तरह का प्रॉपेगैंडा स्टेट मशीनरी की मदद से चलाया जाता है।फैसल के अनुसार कश्मीर के युवा खुद इस तरह की पोस्टरबाजी का मजाक उड़ाते हैं। उदाहरण के तौर पर कश्मीर के आरिफ नाम के युवा ने इसी पोस्टर की तर्ज पर व्यंग्यात्मक लहजे में कई पोस्टर बना उन्हें अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर शेयर किया है।