दल-बदल रोधी कानूनों में संशोधन किया जाना चाहिए : बिमल जालान

0
दल-बदल रोधी कानूनों में संशोधन किया जाना चाहिए : बिमल जालान

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर एवं राज्यसभा में 2003 से 2009 के बीच नामित सदस्य रहे बिमल जालान ने कहा है कि राजनीतिक दलों के टुकड़े होने से बचाने के लिए दल-बदल रोधी कानून में संशोधन किया जाना चाहिए एवं प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार लाने के लिए दल बदलने वाले सदस्यों द्वारा दल बदलने से पहले फिर से चुनाव कराए जाने की मांग करने का प्रावधान लाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा है कि दल-बदल रोधी कानून को सभी राजनीतिक दलों और सत्तारूढ़ गठबंधन से जुड़ने वाले निर्दलीय सदस्यों पर भी यह लागू किया जाना बेहद जरूरी है।

इसे भी पढ़िए :  नौ राज्यों में उपचुनाव के लिए आज हो रही है वोटिंग, तैयारी पूरी... सुरक्षा जबरदस्त

पेंगुइन प्रकाशन द्वारा प्रकाशित अपनी पुस्तक ‘इंडिया : प्रायरिटीज फॉर द फ्यूचर’ में जालान लिखते है, ‘ सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने वाले दलों को फिर से चुनाव की मांग किए बगैर दल से अलग होने की इजाजत नहीं होनी चाहिए। दल-बदल रोधी कानून में इस तरह का संशोधन मंत्रिमंडल की जनता के प्रति सामूहिक जवाबदेही को सुदृढ़ करेगा।’ जालान कहते हैं कि 1985 और 2013 में दलों को टूटने से बचाने के लिए किए गए संशोधनों के बाद संविधान के मौजूदा प्रावधानों के तहत, चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों के विघटन को हतोत्साहित करने वाले नियम है।

इसे भी पढ़िए :  मौर्य पर जमकर बरसीं माया, कहा ‘गद्दार है मौर्य’

इसकी मुख्य वजह यह है कि दल जितना छोटा होगा, उसके किसी सदस्य के पास पार्टी तोड़कर राजनीतिक सत्ता हथियाने के लिए दूसरी बड़ी पार्टी से जुड़ने की उतनी ही अधिक संभावना होगी उदाहरण के लिए कोई सदस्य राष्ट्रीय स्तर के किसी बड़े राजनीतिक दल से चुना जाता है तो पार्टी से अलग होने के लिए उसे एक निश्चित संख्या में पार्टी छोड़ने की इच्छा रखने वाले सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी।

इसे भी पढ़िए :  बाराबंकी रैली में बोले शाह, ‘यूपी में साढ़े तीन मुख्यमंत्री’

जालान ने संसदीय कार्यवाही मे भी सुधार को लेकर कई सुझाव दिए है और नियमों के सख्ती से पालन की वकालत की है। उनका सुझाव है कि लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति के पास ढेरों शक्तियां होती है, लेकिन शायद ही कभी उनका उपयोग होता हो, जैसे किसी सदस्य को बर्खास्त करना या निलंबित करना।

Click here to read more>>
Source: ndtv india