स्थानीय अदालत ने आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी की हत्या मामले में बुधवार को साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और 7 अन्य लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। इसके बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने कहा, ‘सत्य की जीत होती है। एक राष्ट्रवादी दूसरे राष्ट्रवादी का कत्ल नहीं कर सकता। यह चार-पांच नेताओं द्वारा रची गई साजिश थी, जिनकी मंशा राष्ट्रवादियों और भगवा को बदनाम करने की थी।’
बता दें, साध्वी प्रज्ञा अभी न्यायिक हिरासत में हैं और भोपाल में अपना ईलाज करा रही हैं। जब कोर्ट ने इस मामले में बुधवार को अपना फैसला सुनाया तो वे कोर्ट में मौजूद नहीं थीं।
साध्वी के एक रिश्तेदार ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वह काफी कॉन्फिडेंट थीं कि उन्हें जल्द ही जमानत पर रिहा कर दिया जाएगा क्योंकि ‘मालेगांव ब्लास्ट केस भी एक झूठा मामला है।’ उन्होंने कहा कि उन्हें जांच एजेंसियों ने पहले ही इस मामले में क्लिन चिट दे चुकी हैं
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साध्वी के रिश्तेदार ने मालेगांव मामले में कहा कि, ‘अगर वह वाकई में इसमें शामिल होती तो वे अभी तक उन्हें फांसी पर लटका चुके होते। यह इसलिए नहीं हुआ क्योंकि जो एजेंसियां उन्हें किसी भी तरह से फंसाना चाहती थीं उनके पास सबूत नहीं थे।’ साथ ही उन्होंने बताया कि इस मामले में तीन एजेंसियों को उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। इस मामले में सात फरवरी को सुनवाई है।