उत्तर प्रदेश सहित देश के पांच राज्यों में चुनाव होने हैं, ऐसे में तमाम राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने के लिए कई मुफ्त उपहार देने के वायदे कर रहे हैं, जिसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए चुनाव आयोग व केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है। हाई कोर्ट ने राजनीतिक दलों द्वारा फ्री में चीजों को बांटने को रोकने के लिए दायर याचिका पर सुनावाई करते हुए केंद्र सरकार व चुनाव आयोग को नोटिस भेजा है।
याचिका में कहा गया है कि ये वोटरों को भ्रष्ट करने की कोशिश है। चुनाव से पहले और चुनाव के बाद सत्ता में आने के बाद वोटरों को लैपटोप देने से लेकर फ्री पानी-बिजली राजनीतिक पार्टियां वोटरों को देने का वादा करती हैं जो करप्ट प्रैक्टिस है।कई राजनीतिक पार्टियां और नेता चुनावों को प्रभावित करने के लिए वोटर को मुफ्त की चीजें बांटते हैं। जब सत्ताधारी पार्टी ये करती है तो इससे सरकारी खजाने को भी नुकसान होता है।
याचिका में कहा गया है कि इस मामलें मे चुनाव आयोग गंभीर नही दिख रहा है। लिहाजा कोर्ट से ये गुहार लगाई गई है कि वो चुनाव आयोग को मुफ्त में वोटरों को बांटी जा रही चीजों को रोकने के लिए बनाए गए नियमों को सख्ती से लागू करें और जो ऐसा करता पाया जाए उस नेता की उम्मीदवारी को रद्द कर दिया जाए।