अगस्त में लगेगा साल का दूसरा बड़ा सूर्यग्रहण, रखे इन बातों का ख्याल

0
साल 2017 का दूसरा बड़ा ग्रहण

साल 2017 का दूसरा सूर्यग्रहण 21 अगस्त को दिखाई देने वाला है। यह ग्रहण पूर्ण सूर्यग्रहण होगा। भारतीय समय के मुताबिक यह ग्रहण रात में 9.15 बजे से शुरु होगा और रात में 2.34 मिनट पर खत्म होगा। भारत में इस दौरान रात रहेगी तो यहां पर कहीं भी सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा। हालांकि यह बताया जा रहा है कि यह सूर्यग्रहण साल 2017 का दूसरा बड़ा ग्रहण है। इससे पहले साल का पहला सूर्यग्रहण 26 फरवरी को लगा था और  इससे दो सप्ताह पहले यानि 7 अगस्त को रक्षाबंधन वाले दिन खंडग्रास चंद्रग्रहण था।

इसे भी पढ़िए :  भारत ने डिजिटल लेन देन को अपनाने के लिए 'अभूतपूर्व उत्साह' के साथ कदम बढ़ाया है: पीएम

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्यग्रहण के बाद पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान कर देवता की आराधना करनी चाहिए।

स्नान के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को दान देने की परंपरा है. मान्यता है कि इससे ग्रहण के प्रभाव में कमी आती है। यही कारण है कि सूर्यग्रहण के बाद लोग गंगा, यमुना, गोदावरी आदि नदियों में स्नान के लिए जाते हैं और दान देते है।

हिन्दू मान्यता के अनुसार, सूर्यग्रहण में ग्रहण शुरु होने से चार प्रहर पूर्व भोजन नहीं करना चाहिये. बूढ़े, बालक और रोगी एक प्रहर पूर्व तक खा सकते है। यह भी माना जाता है कि ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी, फूल आदि नहीं तोड़ना चाहिए।

इसे भी पढ़िए :  चीन ने समझौते से किया इनकार, कहा- भारत को सबक सिखाने का समय, 1962 से भी बुरा करेंगे हाल

मिथक है कि गर्भवती स्त्री को सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण नहीं देखना चाहिए। क्योंकि माना जाता है कि उसके दुष्प्रभाव से शिशु को प्रभावित कर सकता है।

यह मान्यता भी प्रचलित है कि सूर्यग्रहण के समय बाल और वस्त्र नहीं निचोड़ने चाहिए और दांत भी नहीं साफ करने चाहिए। ग्रहण के समय ताला खोलना, सोना, मल-मूत्र का त्याग करना और भोजन करना – ये सब कार्य वर्जित है।

सूर्यग्रहण या चंद्रग्रहण के दौरान किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत को बिल्कुल मना किया जाता है। मान्यता है कि इस दौरान शुरु किया गया काम अच्छा परिणाम नहीं देता है। सूर्यग्रहण को कभी भी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए। इसको देखने के लिए वैज्ञानिक प्रमाणित टेलिस्‍टकोप का ही इस्‍तेमाल करना चाहिए। सूर्य ग्रहण को देखने के लिए वैसे चश्‍में का भी इस्‍तेमाल किया जा सकता है, जिनमें अल्‍ट्रावॉयलेट किरणों को रोकने की क्षमता हो।

इसे भी पढ़िए :  भारत ने म्यांमार में रखी रिश्तों की नई नींव, कई समझौतों पर हुई सहमति

गर्भवती महिलाएं ग्रहण व सूतक अवधि में घर से बाहर न निकलें, ग्रहण को देखने की कोशिश न करे और भगवान का जप-ध्यान करें।

Click here to read more>>
Source: ndtv india