भारत ने म्यांमार में रखी रिश्तों की नई नींव, कई समझौतों पर हुई सहमति

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म्यांमार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के साथ अपने रिश्तों को खास बनाने की ओर पहल की है। सोमवार को मोदी ने कहा कि एक पार्टनर और दोनों देशो की सुरक्षा के लिहाज से भारत हर कदम पर म्यांमार के साथ खड़ा है। मोदी ने म्यांमार के राष्ट्रपति हुतिन ज्यॉ को आश्वासन दिया कि भारत उसकी सुरक्षा और विकास के लक्ष्य में एक विश्वसनीय पार्टनर बना रहेगा। नैशनल लीग फोर डेमोक्रैसी (एनएलडी) की लीडर अंग सान सु की के हाथ में कमान आने के बाद यह दोनों देशो की पहली उच्चस्तरीय बैठक है।

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दोनों देशों ने वचन देते हुए कहा है की वे विद्रोही संगठनों को अपनी ज़मीन का इस्तेमाल नहीं करने देंगे। म्यांमार ने कहा कि उसकी धरती से किसी भी किस्म के शत्रुतापूर्ण गतिविधियों को अंजाम नहीं देने दिया जाएगा। माना जा रहा है कि भूतकाल में जिन विद्रोही ग्रुपों ने म्यांमार के इलाके में पूर्वोत्तर को निशाना बनाने लिए अपना ठिकाना बनाया था उसके खिलाफ यह समझौता अहम है। इस समझौते को इन विद्रोही ग्रुपों के खिलाफ ऑपरेशन के रूप में भी देखा जा रहा है।

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मोदी ने कहा, ‘मैंने म्यांमार को अवगत कर दिया है कि 21वीं सदी की पन्गलोंग कॉन्फ्रेंस के तहत शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने को लेकर जो शुरुआत हुई थी उसमें इंडिया पूरी मदद करेगा।’

मोदी ने म्यांमार में पावर सप्लाइ बढ़ाने की भी बात कही। मोदी ने कलादान प्रॉजेक्ट, इंडिया-म्यांमार-थाइलैंड हाइवे, एक आईटी इंस्टिट्यूट, अडवांस सेंटर ऑफ ऐग्रिकल्चरल रिसर्च और हेल्थ के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के संकेत दिए हैं। और साथ ही म्यांमार के साथ एजुकेशन और इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग में सहयोग को भी भारत बढ़ाना चाहता है।

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भारत और म्यांमार के बीच कनेक्टिविटी, मेडिसीन और अक्षय ऊर्जा को लेकर 4 समझौते हुए। समझौतों के अनुसार 70 ब्रिजों और इंडिया-म्यांमार-थाइलैंड कलेवा-यार्गी रोड प्रॉजेक्ट को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।