वॉशिंगटन : अमेरिका में मुस्लिम देशों से लोगों के आने पर अस्थायी पाबंदी लगाने के ट्रंप प्रशासन के आदेश पर वहां की एक अदालत ने आंशिक रोक लगा दी है। अमेरिका में फंसे शरणार्थियों के लिए यह फैसला एक बड़ी राहत है। वहीं, राष्ट्रपति ट्रंप के इस फैसले की चौतरफा आलोचना हो रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस फैसले का विरोध तो हो ही रहा है, अमेरिका में लोग इसके खिलाफ सड़कों पर उतरने लगे हैं। पिछले हफ्ते ही अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले ट्रंप के इस फैसले के विरोध में पूरे अमेरिका में प्रदर्शनों का दौर शुरू हो चुका है।
शनिवार शाम को एक फेडरल जज ने राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश पर आंशिक रोक लगाते हुए आदेश दिया कि अमेरिका के एयरपोर्ट पर फंसे शरणार्थियों और दूसरे लोगों को स्वदेश न भेजा जाए। हालांकि जज ने ट्रंप के आदेश की संवैधानिकता पर कोई फैसला जारी नहीं किया है। शुक्रवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने जैसे ही 7 मुस्लिम देशों पर बैन लगाने के आदेश पर दस्तखत किया, अमेरिकी एयरपोर्टों पर ‘प्रतिबंधित’ देशों से आने वाले लोगों को हिरासत में लिया जाने लगा। वाइट हाउस के इस आदेश के खिलाफ कुछ वकील न्यू यॉर्क सिटी की अदालत में गए जहां मामले की तत्काल सुनवाई हुई, जिसके बाद जज ने यह फैसला सुनाया।
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ब्रुकलिन के फेडरल डिस्ट्रिक्ट जज एन एम. डोनली ने अपने आदेश में कहा कि यात्रियों को उनके घर भेजने से उन्हें ‘अपूर्णीय क्षति’ पहुंचेगी। सुनवाई के दौरान अदालत के बाहर लोगों की भीड़ इकट्ठी थी। जैसे ही लोगों को फैसले के बारे में पता चला उन्होंने नारेबाजी कर फैसले पर खुशी का इजहार किया।
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