लंबे समय से अपने हक की मांग कर रहे ट्रांसजेंडर्स की बात को पाक सरकार ने सुनते हुए 9 जनवरी 2017 को संसद में ‘ट्रांसजेंड़र राइट्स’ के नाम से बिल पेश किया। जिसे भारत के भारत के ट्रांसजेंडर राइट्स बिल की कोपी बताया जा रहा है। इतना ही नहीं भारतीय संविधान का एक प्रावधान भी चुराया गया है।
वहीं मानव संसाधन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये बिल हूबहू भारत के बिल की कॉपी है। पाकिस्तान में सामाजिक कल्याण और ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों की रक्षा करने वाली संस्था के अध्यक्ष नदीम कशिश ने कहा है कि अगर पाकिस्तानी सरकार इस बिल को वापस नहीं लेती है तो वो कोर्ट में अपील करेंगे। नदीम ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार को ट्रांसजेंडर समुदाय से बात करके और इनकी समस्याओं को ध्यान में रखकर कानून बनाना चाहिए।
कई सालों से ट्रांसजेंडर्स के हक की लड़ाई लड़ रहे कमर नसीम ने कहा कि पाकिस्तान सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए इस बिल से ट्रांसजेंडर्स की मुश्किलें कम नहीं होंगी बल्कि उन्हें और मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इस बिल के एक प्रावधान के मुताबिक ट्रांसजेंडर्स को स्क्रीनिंग कमेटी से एक प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी जिससे ये साबित हो सके कि वो ट्रांसजेंडर है या नहीं? बता दें कि पाकिस्तान के एक आंकड़े के मुताबिक पाकिस्तान में पांच लाख से ज्यादा ट्रांसजेंडर्स हैं।
पाकिस्तान के एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक इस बिल में सिर्फ भारत के स्थान पर पाकिस्तान लिखा गया है इसके अलावा इस बिल में कोई बदलाव नहीं है। पाकिस्तान की वकील रुकिया समी ने इस बिल के प्रावधानों के बारे में बताते हुए सरकार से इस बिल को सार्वजनिक करने की मांग की है। पाकिस्तानी वकील ने कहा,”पाकिस्तानी सरकार ने जो बिल संसद में पेश किया है उसे जनता के बीच भी रख देना चाहिए।”
पाक संसद में ट्रांजेंडर्स के लिए कानून की मांग करने वाले सांसद हफिज हम्दुल्लाह का कहना है कि वो ऐसे बिल को खारिज करते हैं जिसे भारत के बिल से कॉपी किया गया है। पाक सरकार का कहना है कि कुरान और पाकिस्तानी संस्कृति को ध्यान में रखकर नया कानून बनाया जाना चाहिए।
अगली स्लाइड में पढ़ें बाकी की खबर