सरदार पटेल जीवित होते, ये बांध 60 के दशक में ही बन जाता : नरेंद्र मोदी

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सरदार पटेल जीवित होते, ये बांध 60 के दशक में ही बन जाता : नरेंद्र मोदी

नेशनल ट्राइबल फ्रीडम फाइटर्स म्यूजियम का उद्घाटन करने के मौके पर उपस्थित जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं दभोई बहुत बार आया। कभी बस से आया, कभी स्कूटर से आया, कभी कार्यकर्ताओं की मीटिंग ली, कभी जनसभाओं को संबोधित किया। लेकिन, दभोई में ऐसा विराट दृश्य पहले कभी नहीं देखा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के महापुरुषों में सरदार पटेल और बाबा साहब अंबेडकर कुछ समय और जिंदा रहते तो सरदार सरोवर डैम बहुत पहले बन गया होता, लेकिन दुर्भाग्य से हमने उन्हें बहुत पहले खो दिया। उन्होंने कहा कि सरदार सरोवर बांध देश की ताकत का प्रतीक बनेगा। भारत में जलक्रांति का श्रेय अंबेडकर को जाता है और सरदार पटेल जीवित होते, ये बांध 60 के दशक में ही बन जाता।

उन्होंने कहा कि ये विराट जनसैलाब मां नर्मदा की भक्ति का जीता जागता प्रतीक है। आज विश्वकर्मा जयंती है। भारत में सदियों से जो हाथ से काम करते है। पसीना बहाते है। श्रम करते है। निर्माण का कार्य करते है। तकनीशियन हो, मिस्त्री हो, मिट्टी का काम करने वाले, भिस्त्री हो… जो भी स्थापत्य से जुड़ा है। उन सबको भारत में विश्वकर्मा के रूप में देखा जाता है। आज ऐसे विश्वकर्मा की जयंती है। आज ऐसा संयोग है कि विश्वकर्मा के उपासकों ने सरदार सरोवर डैम का निर्माण किया है। उनकी साधना का स्मरण करते हुए हिंदुस्तान को सरदार सरोवर डैम देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

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उन्होंने कहा कि विकास के रास्ते में पानी की कमी सबसे बड़ी बाधा थी, और विश्व बैंक ने पर्यावरण का हवाला देते हुए फंड देने से मना कर दिया। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री बना तो लोगों को पीने के पानी के लिए तमाम मुश्किलें झेलनी पड़ती है। हमारे जवानों को पानी के लिए मेहनत करनी पड़ती थी। ऊंट से पानी ढोना पड़ता था। मोदी ने कैनाल नेटवर्क को इंजीनियरिंग का जादू करार दिया और कहा कि 700 किलोमीटर दूर से जब भारत-पाकिस्तान सीमा तैनात जवानों के पास पहुंचा, तो उनके चेहरे पर खुशी देखने लायक थी।

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मोदी ने कहा कि हम पर अनाप शनाप आरोप लगाए गए। हमने हमेशा इसको राजनीतिक विवाद से बचाने की कोशिश की। सबने राजनीति की और मुश्किलें खड़ी करने की कोशिश की। गुजरात के संतों ने हमारा साथ दिया और गुजरात के मंदिरों से भी पैसे दिए गए, तब जाकर सरदार सरोवर डैम बना। ये कोटि-कोटि जनों का काम है। पानी के लिए तड़पते लोगों का है।

प्रधानमंत्री ने जन्मदिन की शुभकामना देने वाले सभी लोगों को शुक्रिया कहा। उन्होंने कहा कि, वे देशवासियों के सपने को सच करने के लिए कठिन परिश्रम करने से पीछे नहीं हटेंगे।

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मोदी ने कहा कि एक दुबले पतले गांधी ने साधना करते-करते देशवासियों को आजादी के लिए जोड़ा। मां नर्मदा के आशीर्वाद से सवा सौ करोड़ देशवासी आजादी के 75 साल पूरे होने पर आपके सपने पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि ये सरदार सरोवर डैम भारत के लौह पुरुष वल्लभ भाई पटेल की आत्मा जहां भी हम पर सब ढेर सारे आशीर्वाद बरसाती होगी। दिव्य दृष्टा किसे कहते है, ये सरदार पटेल ने साबित किया। हमारे जन्म से पहले सरदार साहब ने सरदार सरोवर का सपना देखा था।

नर्मदा किनारे बसे आदिवासियों ने प्रधानमंत्री को तीर और धनुष भेंट कर उनका सम्मान किया।

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Source: aaj tak