नई दिल्ली। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज(शुक्रवार) सार्क सम्मेलन में स्वयं द्वारा उठाई गई बातों से संसद के दोनों सदनों को अवगत कराया। राजनाथ ने सार्क सम्मेलन के दौरान हुई चर्चा का जिक्र करते हुए बताया कि करीब-करीब सभी देशों ने आतंकवाद की घोर निंदा की।
दक्षिण एशिया में शांति एवं खुशहाली के लिए आतंकवाद को सबसे बड़ा खतरा करार देते हुए भारत ने दक्षेस देशों से आतंकवादियों एवं आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने वाले देशों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान का नाम लिए बिना भारत ने दक्षेस देशों से कहा है कि आतंकवाद को महिमा मंडित और संरक्षण देना बंद किया जाना चाहिए। एक देश का आतंकवादी किसी के लिए शहीद या स्वतंत्रता सेनानी नहीं हो सकता।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान दौरे के बाद आज(शुक्रवार) लोकसभा में दिए बयान में कहा कि उन्होंने दक्षेस देशों के गृहमंत्रियों की कल(4 अगस्त) इस्लामाबाद में हुई बैठक में भारत की ओर से कहा कि आतंकवादियों पर विश्व समुदाय की सहमति से लगाए गए प्रतिबंध का सम्मान किया जाए।
उन्होंने पाक को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि अच्छे और बुरे आतंकवाद में भेद करने की भूल नहीं की जानी चाहिए। तथा आतंकवाद को बढ़ावा या समर्थन देने वाली सरकार और सरकार से इतर सभी पक्षों के विरूद्ध प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवाद में सम्मिलित व्यक्तियों के विरूद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए तथा उनका प्रत्यर्पण सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि वे कानून से बच नहीं पाएं।
राजनाथ ने संसद को बताया कि आतंकवाद को बढ़ावा नहीं मिले, इसके लिए उन्होंने कहा कि जरूरी है कि न सिर्फ आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों के विरूद्ध बल्कि उन्हें समर्थन देने वाले व्यक्तियों, संस्थाओं, संगठनों और राष्ट्रों के विरूद्ध भी कठोर से कठोर कदम उठाए जाने चाहिए। आतंकवाद की हैवानियत से तभी निबटा जा सकता है।