ऋषि कपूर ने भारतीय कंटेंट बैन करने पर पाकिस्‍तानी मीडिया अथॉरिटी को फटकारा

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ऋषि कपूर

भारत-पाक के बीच बिगड़ते संबंधो के बाद अक्‍टूबर में पाकिस्‍तान की इलेक्‍ट्रॉनिक मीडियो रेगुलेटरी अथॉरिटी (पेमरा) ने वहां के टेलीविजन चैनलों पर भारतीय कटेंट दिखाने पर पूर्ण बैन लगा दिया था। जिसके बाद ऋषि कपूर ने इसका विरोध करते हुए फटकारा हैं। 21 अक्‍टूबर से प्रभावी हुआ यह बैन भारत में टीवी चैनलों द्वारा पाकिस्‍तानी टीवी कंटेंट के बहिष्‍कार के जवाब में लगाया गया था।

दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को लेकर कई कलाकारों की टिप्‍पणियां आई थीं। अब वेटरन एक्‍टर ऋषि कपूर ने इस मुद्दे पर अपनी राय जाहिर की है। ट्विटर पर उन्‍होंने लिखा है कि दोनों देशों में फिल्‍मों और शोज पर प्रतिबंध लगाना गलत कदम है क्‍योंकि लोग अपने पसंदीदा कार्यक्रम या फिल्‍में ‘गैरकानूनी’ ढंग से देखेंगे, चाहे जो हो जाए। उन्‍होंने ट्विटर पर लिखा, ”सोचिए। PEMRA बंद करवाया भारतीय कंटेंट अपने चैनल्‍स और थियेटर्स में! जरा बंद करके दिखा इल्‍लगील डीवीडी भारतीय फिल्‍मों के झगड़ा सियासती और पॉलिटीशियंस का है। दिल की बातों पर पाबंदियां लगाना गलत है। हमारा भी झगड़ा ये ही है यहां। जस्‍ट चिल। कपूर ने पाकिस्‍तान के मल्‍टीप्‍लेक्‍सेज के नुकसान पर भी चिंता जताई। उन्‍होंने लिखा कि पाकिस्‍तान में करीब 85-100 मल्‍टीप्‍लेक्‍सेज हैं और अगर उनके पास दिखाने के लिए कंटेंट नहीं है तो सोचिए कितना नुकसान हुआ? उन्‍हें सजा क्‍यों दी जाए? भारतीय कंटेंट पर बैन लगाने की फौरी प्रतिक्रिया समझ सकता हूं लेकिन असलियत तो ये है दोनों मुल्‍क गैरकानूनी ढंग से देख रहे हैं।

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ऋषि‍ कपूर के इन ट्वीट्स पर भारतीयों से ज्‍यादा पाकिस्‍तानी यूजर्स की प्रतिक्रियाएं आई हैं। मजे की बात ये है कि ज्‍यादातर यूजर्स ने उनका समर्थन किया है। वकास अमजद नाम के यूजर ने लिखा,मैं पाकिस्‍तानी हूं लेकिन मैं PEMRA की इस कार्रवाई का समर्थन नहीं करता क्‍योंकि कला प्‍यार और संस्‍कृति को प्रदर्शित करती हैं और सीमा से परे है।” वहीं सलमान अली फरीदी ने लिखा कि सही बात है। हम दोनों का झगड़ा एक ही है। दोनों तरफ मुद्दा राजनैतिक है। दोनों सरकार कभी भी हमारे दिलों को जुदा नहीं कर सकतीं।” जब एक यूजर ने लिखा कि ‘PEMRA के साथ एहतियात से काम लें। बहुत सख्‍त मिजाज है इसका।’ तो ऋ‍षि ने जवाब में लिखा कि तो इसे बदल डालो डार्लिंग। सख्‍ती किस बात की, सच्‍चाई जीतनी चाहिए। बगावत करो, क्‍या जीना ऐसे हालात में! मैं यही करता।

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