कथित आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद लगातार दो महीनों से कश्मीर घाटी सुलग रही है। दो महीने से लगातार कर्फ्यू के बाद कश्मीर को कई सौ करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई बाधित हुई। दुकानों और बाजार में ताले लटके रहे। हिंसक झड़प में जहां कई जवान शहीद हुए वहीं 70 से ज्यादा सिवेलियन मारे गए। कहीं सैकड़ौं लोग घायल हुए तो कहीं सेना के जवान लहूलुहान हुए। इन दंगों में देश को भारी नुकसान भुगतना पड़ा लेकिन इस दौरान जो सबसे बड़ा नुकसान हुआ है वो है 80 नौजवानों की गुमशुदगी।
घाटी में हिंसा के दो महीनों के भीतर दक्षिण कश्मीर से 80 युवा लापता हैं। खुफिया एजेंसियों ने इन युवाओं के आतंकी तंजीमों में शामिल होने की खबर है। अमर उजाला की खबर के मुताबिक लापता युवाओं में से ज्यादातर के हिजबुल मुजाहिदीन और कुछ के लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होने की सूचना है।
पुलवामा, कुलगाम, शोपियां और अनंतनाग जिलों में फैले दक्षिण कश्मीर में हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद से सबसे ज्यादा हिंसक वारदातें हुई हैं। अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय युवकों के आतंकी संगठनों में भर्ती होने की अभी पक्की सूचनाएं नहीं है। पुलिस का ध्यान सिर्फ कानून व्यवस्था बहाल करने पर है। उसका खुफिया नेटवर्क आतंकी संगठनों पर ज्यादा काम नहीं कर रहा है। हालात सामान्य होने पर ही कुछ पुख्ता कहा जा सकता है। फिलहाल, सेना व अर्धसैनिकबलों की तैनाती व गश्त को उन सभी इलाकों में धीरे-धीरे बढ़ाया जा रहा है, जहां आतंकियों का प्रभाव ज्यादा होने के अलावा हिंसक प्रदर्शन अन्य इलाकों से ज्यादा हो रहे हैं।