न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया अवश्य तेज की जानी चाहिए: CJI

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फाइल फोटो।

नई दिल्ली। न्यायपालिका में रिक्तियों और बड़ी संख्या में लंबित मामलों का मुद्दा एकबार फिर से उठाते हुए प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने रविवार(11 सितंबर) को कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया को अवश्य तेज किया जाए। सीजेआई ने हाल में कई अवसरों पर अपने भाषणों में इस मुद्दे को उठाया है।

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न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा कि ‘‘देश में प्रति 10 लाख की आबादी पर 12 न्यायाधीश हैं और कम से कम तीन करोड़ मामले अदालतों में लंबित हैं। न्यायाधीशों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तेज करने की आवश्यकता है।’’ वह यहां न्यायिक अधिकारियों के पहले राज्यस्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इसका आयोजन छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट और राज्य न्यायिक अकादमी ने किया।

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उन्होंने कहा कि विधि आयोग की 1987 की रिपोर्ट के अनुसार तब 40 हजार न्यायाधीशों की आवश्यकता थी, लेकिन आज भी न्यायाधीशों की संख्या सिर्फ 18000 है। सीजेआई ने कहा कि अगर हालात में सुधार नहीं होता है तो अगले 15-20 साल में लंबित मामलों की संख्या पांच करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी।

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ठाकुर ने कहा कि अगले पांच वर्षों में एक लक्ष्य निर्धारित करके नियुक्तियां की जा सकती हैं। ठाकुर ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के समक्ष भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता जताई है।