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उन्होंने बताया कि मार्स आर्बिटर मिशन के लिए एक ‘फॉलो अप’ मिशन की भी योजना बनाई जा रही है। हम मंगल के 70,000 किलोमीटर करीब जाना चाहते हैं। चंद्रयान-2 के लिए भी काम जारी है। परियोजना में एक लैंडर और एक रोवर शामिल है’।
पहली बार इसरो का चंद्रमा पर अपना लैंडर होगा जो अंतरिक्ष एजेंसी को चंद्रमा के बारे में ब्योरा देगा। इस बार इसरो इस परियोजना पर अकेले काम करेगा। चंद्रयान 2 को अगले साल भेजे जाने की उम्मीद है।
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