रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने समुद्री परिवहन को खुशहाली का रास्ता बताते हुए अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत आवाजाही की आजादी का समर्थन किया। उनका यह बयान दक्षिण चीन सागर के मामले में काफी अहम माना जा है। इस अहम समुद्री कारोबारी रूट पर चीन अपना हक जताता है। उन्होंने कहा कि विवादों को धमकी या बल प्रयोग की जगह शांति से सुलझाया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि दक्षिण एशियाई देशों के संगठन सार्क में भारत के बाद ज्यादातर देशों ने आतंकवाद के मुद्दे पर इस्लामाबाद में होने वाले सम्मेलन में शामिल करने से इनकार कर दिया था। अब दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के संगठन आसियान में भी पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश की जा रही है। आसियान में भारत के अलावा सिंगापुर, थाइलैंड, विएतनाम, फिलीपीन्स, म्यांमार, मलेशिया, लाओस, इंडोनेशिया, कंबोडिया और ब्रूनेई हैं। इस संगठन के सदस्य देशों का भारत के साथ काफी ज्यादा व्यापार है, जबकि पाकिस्तान के साथ इनका काफी कम व्यापार होता है।