सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे अरविंद केजरीवाल का साथ छोड़कर खूश हैं। अन्ना अपने जीवन पर बन रही फिल्म अन्ना के पोस्टर लॉन्च के मौके पर कहा कि, ‘यह अच्छा हुआ की मैंने अरविंद का साथ छोड़ दिया, नहीं तो मेरी भी ऐसी ही दुर्दशा होती।‘ उन्होंने आगे कहा कि, ‘मेरा अरविंद केजरीवाल से कोई रिश्ता नहीं है। मुझे नहीं पता क्या गलत है और क्या सही। लेकिन मैं जब भी अखबार पढ़ता हूं मुझे दुख होता है।‘
बता दें कि, 2011 में अन्नास आंदोलन के समय अरविंद केजरीवाल उनके सहयोगी थे। दोनों ने साथ मिलकर जनलोकपाल बिल के लिए दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना दिया था। उस समय केजरीवाल अन्ना को अपना गुरु और मार्गदर्शक मानते थे। उनके साथ मनीष सिसोदिया, कुमार विश्वा स और किरण बेदी भी थी। हालांकि बाद में ये सभी राजनीति में आ गए। किरण बेदी भाजपा में चली गईं। अब वह पुडुचेरी की उपराज्यबपाल हैं।