दिल्ली: नोटबंदी से उत्पन्न हुई कुव्यवस्था का बचाव सरकार उसके फायदे गिना के कर रही है लेकिन इस कानून की वजह से खुद केंद्र सरकार मुश्किल में है। नोटबंदी के कारण केंद्र एवं राज्यों के बीच नयी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था जीएसटी में करदाताओं पर नियंत्रण का मुद्दा सुलझ नहीं पाया है। हालांकि जीएसटी परिषद ने जीएसटी कानून को अमल में लाने वाले सहायक विधेयकों के अधिकतर उपबंधों को मंजूरी दे दी। नोटबंदी के कारण टैक्स कलेक्शन में कमी का हवाला देकर कई राज्य इसकी भरपाई केंद्र को करने के लिए कह रहे है। इसको देखते हुए एक अप्रैल से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करना एक तरह से असंभव-सा दिख रहा है। टैक्स कलेक्शन में कमी के कारण मुआवजा की मांग करने वाले राज्यों की संख्या बढ़ सकती है।
जीएसटी परिषद ने मुआवजा व्यवस्था में भी बदलाव किया जिसमें राज्यों को द्विमासिक आधार पर भुगतान की व्यवस्था होगी जबकि पहले तिमाही आधार पर भुगतान का फैसला किया गया था। दोहरे नियंत्रण तथा महत्वपूर्ण आईजीएसटी विधेयक के मुद्दे पर तीन-चार जनवरी को होने वाली अगली बैठक में विचार किया जाएगा। ये मुद्दे पिछली तीन बैठकों से अटके हैं।