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दिल्ली: नोटबंदी पर पीएम मोदी भले ही लंबे चौड़े वादे करते रहे हों। एक ऐतिहासिक फैसला बताते नहीं थकते हों लेकिन उनका ऑफिस कुछ अलग ही जानकारी रखता है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का कहना है कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि 8 नवंर 2016 को लागू किए गए नोटबंदी के फैसले को अमल में लाने से पहले इस बारे में किन अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया गया था।
इसके साथ ही पीएमओ ने सूचना के अधिकार के तहत मांगे गए इस सवाल का जवाब देने से भी इनकार किया कि 500 और 1000 के पुराने नोटों पर पाबंदी लगाने से पहले क्या मुख्य आर्थिक सलाहकार और वित्त मंत्री की राय ली गयी थी।
पीएमओ ने अपने जवाब में कहा कि यह सवाल आरटीआई कानून के तहत सूचना की ‘परिभाषा’ में नहीं आता।
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