बड़े अस्पतालों का फर्जीवाड़ा, ‘कचरे’ से किया जा रहा है आपका इलाज, ये रिपोर्ट आपको चौंका देगी

0
अस्पतालों
प्रतीकात्मक तस्वीर, साभार
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

नई दिल्ली : कैथटर, गाइड वायर और बलून जैसे डिस्पोजबल का इस्तेमाल हरेक ऐंजियोप्लास्टी में होता है। आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि कई प्राइवेट अस्पतालों में इन सामग्रियों का बार-बार इस्तेमाल किया जा रहा है जबकि एक बार उपयोग में लाकर इनका निपटान करना जरूरी होता है। नवभारत टाइम्स वेबसाइट पर छपी खबर के मुताबिक ये अस्पताल उपयोग में लाए जा चुके इन सामानों की कीमत पता नहीं कितनी बार वसूलते रहते हैं। लेकिन, बड़ी चिंता की बात यह है कि इससे इन्फेक्शन का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इंडस्ट्री सूत्रों की मानें तो इस गोरखधंधे से अस्पतालों को हरेक इलाज में 20,000 से 30,000 रुपये का ज्यादा फायदा होता है।

इसे भी पढ़िए :  कश्मीर को बचाना है तो पीएम मोदी को बनना पड़ेगा हिटलर : शिवसेना

वेबसाइट पर छपी खबर के मुताबिक यह बेहद अनैतिक काम इतने धड़ल्ले से हो रहा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक ऑफिस मेमोरैंडम जारी कर सर्जरी के दौरान उपयोग में आने वाले डिस्पोजबल आइटमों के दोबारा इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी जारी की है। यह चेतावनी खासकर कार्डिऑलजी (हृदयरोग की चिकित्सा) को लेकर जारी की गयी है जिसमें ज्यादातर सामग्रियां एक बार उपयोग में लाए जाने योग्य होती हैं।

इसे भी पढ़िए :  आज रात 12 बजे से पुराने नोट पूरी तरह बंद, सिर्फ बैंक में होंगे जमा और कहीं नहीं

21 दिसंबर, 2016 को जारी इस मेमोरैंडम में कहा गया है, ‘एक प्रसीजर के बाद ये सामग्रियां स्टेरिलाइज्ड कर दुबारा इस्तेमाल में लायी जाती हैं और (मरीजों) से इनके पूरे-पूरे पैसे वसूले जाते हैं।’ इसमें कहा गया है कि ‘मंत्रालय इस मुद्दे को गंभीरता से देख-परख रहा है’। आगे स्पष्ट किया गया है कि केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के तहत पैनल में शामिल स्वास्थ्य संगठनों में डिस्पोजबल आइटम्स का दुबारा इस्तेमाल की अनुमति नहीं है, खासकर कार्डिऑलजी और दूसरे विशेष इलाजों में।

इसे भी पढ़िए :  अगर आप न्यूज़ चैनल नहीं देखते तो जरूर देखिए ये 10 मिनट का बुलेटिन और रखिए खुद को अपडेट। देखिए -GOOD MORNING COBRAPOST

अगले पेज पर पढ़िए- क्या कहते हैं डॉक्टर

Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse