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दरअसल वॉट्सऐप यूजर्स को ऐप खोलने पर एक पॉपअप आया था, जिसमें यह बताया गया था कि पॉलिसी में बदलाव लाया गया है। सबसे नीचे नई पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए ऑप्शन दिया गया था। अगर किसी को यह जानना हो कि बदलाव क्या है, तो उसके लिए अपडेटेड पॉलिसी का एक्सटर्नल लिंक दिया गया था।
बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान वॉट्सऐप ने कोर्ट को बताया था कि अगर कोई यूजर अपना अकाउंट डिलीट करता है तो उसकी कोई भी इन्फर्मेशन हम अपने सर्वर्स में नहीं रखते। अब हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और ट्राई को वॉट्सऐप जैसे प्लैटफॉर्म्स को रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क के तहत लाने की संभावना तलाश करने के लिए कहा है। इससे पहले ट्राई ने दिल्ली कोर्ट से कहा था कि उसके पास इस मामले में दखल देने का अधिकार नहीं है।
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