तीन तलाक के बाद… अब कलीजियम के मुद्दे पर एक हुई कांग्रेस-बीजेपी, एक सुर में की बगावत

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कलीजियम

हर मुद्दे पर आमने-सामने रहने वाले सरकार और विपक्ष दोनों ने मिलकर एक सुर में सुप्रीम कोर्ट की कलीजियम व्यवस्था पर हमला बोला। सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और समूचे विपक्ष ने उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति किए जाने में संविधान के आदेशों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। राज्यसभा में गुरुवार को पेश की गई सिफारिश में कानून एवं न्यायिक मामलों की संसद की स्टैंडिंग कमिटी के अध्यक्ष आनंद शर्मा ने कहा कि उच्च न्यायालयों और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति के मामले में कलीजियम सिस्टम पर ‘सरकार उचित कदम’ उठा सकती है।

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नवभारत की खबर के मुताबिक कमिटी ने कहा कि उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति कार्यपालिका का जरूरी काम है। यही नहीं संविधान में भी उल्लिखित है कि इसे कार्यपालिका और न्यायपालिका को मिलकर निपटाना चाहिए। कमिटी ने कहा, ‘सेकंड जजेज केस में शीर्ष अदालत के कुछ फैसलों से संविधान के नियमों का उल्लंघन हुआ है। ऐसे कुछ फैसलों को वापस लिया जाना चाहिए और संविधान की मूल भावना का सम्मान किया जाना चाहिए।’ इसके अलावा पैनल ने सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ द्वारा 99वें संविधान संशोधन को खारिज करने पर भी आपत्ति जताई।

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संसद के दोनों सदनों ने एकमत 99वां संविधान संशोधन पारित कर जजों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग के गठन का फैसला लिया था। आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली कमिटी ने सिफारिश में लिखा, ‘संविधान संशोधन से संबंधित मामलों की सुनवाई कम से कम 11 जजों की पीठ को करनी चाहिए।’ इसके अलावा पैनल ने यह भी सिफारिश की कि संविधान की व्याख्या से संबंधित मामलों की सुनवाई 7 जजों से कम की बेंच को नहीं करनी चाहिए।

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