जीएसटी पारित कराने के लिये कांग्रेस के पास पहुंची सरकार

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नयी दिल्ली

सरकार ने लंबे समय से अटके पड़े वस्तु एवं सेवाकर यानि कि जीएसटी विधेयक को संसद के आगामी मानसून सत्र में पारित कराने के लिए पूरी तरह से कमर कस चुकी है। इसी सिलसिले में सरकार ने आज विपक्षी पार्टी कांग्रेस से संपर्क किया और उसका समर्थन मांगा है।

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के विरोध की वजह से अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार लाने वाला यह विधेयक राज्य सभा में अटका पड़ा है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वैकया नायडू ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और उपनेता आनंद शर्मा से मुलाकात की और संसद के आगामी मानसून सत्र में इस महत्वपूर्ण विधेयक को पारित कराने में कांग्रेस का समर्थन मांगा। संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है।
वैंकया के बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली भी कल शीर्ष कांग्रेस नेताओं से मिल सकते है। जीएसटी पर मतभेद दूर करने के लिये सरकार के साथ बैठक के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने कहा, ‘‘हम मिल रहे हैं। बैठक होगी, उसके बाद हम आपको बतायेंगे।’’ जीएसटी पर कांग्रेस के रख के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने कहा, ‘‘उनके साथ बैठक किये बिना और कुछ तय किये बिना मैं कुछ नहीं कह सकता। हमें अपने मित्रों और सहयोगियों के साथ भी बातचीत करनी होगी।’’ जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक लंबे समय से राज्य सभा में लंबित है। सरकार इसको पारित कराने को लेकर काफी गंभीर है। जीएसटी विधेयक के अमल में आने से देश में एक समान कर व्यवस्था लागू होगी। इसमें कई तरह के अप्रत्यक्ष कर समाहित हो जायेंगे। इसके लागू होने से जीडीपी में 1 से 2 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है।

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