नई दिल्ली। ब्राजील की सीनेट ने राष्ट्रपति डिल्मा राउसेफ को उनके पद से हटाने के पक्ष में बुधवार(31 अगस्त) को मतदान किया जो लातिन अमेरिका के इस सबसे बड़े देश में सालभर से जारी संघर्ष का चरमोत्कर्ष है। डिल्मा के खिलाफ सीनेट में महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था। 81 सीनेटरों ने उनको हटाने के पक्ष में वोट दिया, जबकि डिल्फा के पक्ष में 61 वोट पड़े।
जरूरी दो-तिहाई बहुमत से उनके खिलाफ मतदान होने के साथ ही वह तात्कालिक रूप से इस पद के लिए अयोग्य घोषित हो गईं। उनके हटने के साथ ही ब्राजील में 13 साल लंबे वामपंथी शासन का अंत हो गया। राउसेफ ब्राजील की पहली महिला राष्ट्रपति थीं। उन पर संघीय बजट के अपने प्रबंधन में वित्तीय कानूनों का तोड़ने का आरोप है।
इस सुनवाई की अध्यक्षता करने वाले मुख्य न्यायाधीश रिकाडरे लेवांडोव्सकी ने कहा कि ‘‘सीनेट ने पाया कि ब्राजील के संघीय गणतंत्र की राष्ट्रपति डिल्मा वाना राउसेफ ने वित्तीय कानूनों का उल्लंघन कर अपराध किया है।’’ उधर राउसेफ ने उन्हें उनके पद से हटाने के लिए किए गए मतदान को संसदीय तख्तापलट करार दिया और उन्होंने अपनी वर्कर्स पार्टी के साथ वापसी का संकल्प लिया।
उन्होंने कहा कि ‘‘उन्होंने राष्ट्रपति के जनादेश में बाधा डालने का फैसला किया है, जिन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। उन्होंने एक निर्दोष इंसान को दोषी ठहराया है और संसदीय तख्तापलट किया है।’’ उनके कंजरवेटिव प्रतिद्वंद्वी माइकल टेमर को उनके स्थान पर राष्ट्रपति की शपथ दिलाए जाने की संभावना है।