भेदभाव से तंग होकर दलित बने ईसाई, लेकिन जारी है यहां भी इनके साथ छुआछुत

0
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

इस कस्बे के पास ही पंडोरी गांव में रहने वाले पास्टर यूसुफ़ मसीह बताते हैं कि उनके और बाकी मिशनरी लोगों के बारे में ईसाई मिशन वालों ने अब तक पूछा भी नहीं है। वे प्रभु ईशु पर विश्वास करते हैं और उनकी ही भक्ति में लगे हुए हैं।

इसे भी पढ़िए :  LIVE: आगरा में राहुल-अखिलेश का दूसरा रोड शो शुरू, उमड़ी भारी भीड़

इसी गांव में रहने वालीं बलवीर कौर ख़ुद को तक़रीबन 40 साल से ईसाई मिशन से जुड़ा हुआ बताती हैं। उनका दावा है कि वे अपने गांव के ही लगभग 15 दलित परिवारों को अपने साथ जोड़ चुकी हैं.

इसे भी पढ़िए :  सुरक्षा परिषद की स्थायी और अस्थायी श्रेणियों में विस्तार किया जाए: भारत-वियतनाम

बलवीर कहती हैं, “हम लोगों ने भी मिशन के लिए बहुत काम किया है। लेकिन हमें कोई सहूलियत नहीं दी गई। आलम यह है कि मिशन में जुड़े ज्यादातर लोगों के लिए अब अपने परिवारों का पालन पोषण भी मुश्किल हो गया है।”

इसे भी पढ़िए :  यूपी में दलित को दातून तोड़ना पड़ा महंगा, दबंगों ने मारी गोली, मौत

 

2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse