छठ पर्व मुख्य रूप से पूर्वी भारत के बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। इस पर्व को स्त्री और पुरुष समान रूप से मनाते हैं। लेकिन बिहार में छठ पर्व को विशेष महत्व दिया जाता है। यूं तो दिल्ली में भी छठ पर्व की छठा देखने को मिल रही है। दिल्ली के अमूमन हर कोने में आपको छठ पर्व के रंग देखने को मिलेंगे। बाजार छठ के सामान से गुलजार हैं। घरों में इस महापर्व की जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं।
इस बार दिल्ली में 278 छठ घाट का निर्माण
इस महापर्व को लेकर दिल्ली प्रशासन ने भी पुख्ता इंतजामात किए गए हैं। दिल्ली सरकार ने इस बार छठ के लिए 109 नए घाट बनाने का फैसला लिया है। इसको लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं। अब तक दिल्ली के विभिन्न यमुना घाटों, तालाबों और अन्य जगहों पर ऐसे 169 घाट बनाए जाते थे। लेकिन श्रृद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस बार इनकी संख्या बढ़ाकर 278 कर दी गई है।

दिल्ली सरकार विभिन्न छठ पूजा समितियों के साथ मिलकर इन जगहों पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। कई छठ घाटों पर श्रृद्धालु शनिवार को खरना के दिन से ही जुटने लगते हैं। दिल्ली सरकार के मुताबिक अधिक भीड़ की स्थिति को देखते हुए पश्चिम, दक्षिण पश्चिम और दक्षिण क्षेत्र में छठ घाटों की संख्या बढ़ाई गई है। बताया जा रहा है कि यहां पूजा के लिए आने वाले श्रृद्धालुओं की संख्या सबसे ज्यादा होती है। कुल 109 छठ घाटों में से 76 महज़ इन्हीं इलाकों में बनाए गए हैं।
इस बार दक्षिणी दिल्ली में 27, पश्चिमी दिल्ली में 27 और दक्षिण पश्चिमी दिल्ली में 22 अतिरिक्त घाट बनाए गए हैं।

आपदा से निपटने के पुख्ता इंतजाम
यमुना समेत सभी छठ घाटों पर आपदा की स्थिति से निपटने के पर्याप्त इंतजाम किए हैं। इसकी जिम्मेदारी बांढ़ एंव नियंत्रण विभाग को दी गई है। दमकल, राजस्व विभाग एवं आपदा प्रबंधन की टीमों को लगाया है। साफ-सफाई की व्यवस्था नगर निगम के जिम्मे रहेगी। वहीं जय बोर्ड दूसरे राज्यों से पानी उपलब्ध कराएगा।

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