‘समान नागरिक संहिता लागू करने पर मोदी सरकार को करारा जवाब देगा मुस्लिम समुदाय’

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फाइल फोटो।

नई दिल्ली। तीन तलाक और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) से जुड़े विधि आयोग के कदम को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए सुन्नी मुस्लिमों की नुमाइंदगी करने वाली एक संस्था ने शुक्रवार(28 अक्टूबर) को आरोप लगाया कि सरकार उत्तर प्रदेश चुनावों के मद्देनजर ऐसा कर रही है।

संस्था ने चेतावनी दी कि यदि समान नागरिक संहिता लागू की गई तो मुस्लिम समुदाय सरकार को करारा जवाब देगा।ऑल इंडिया भारतीय तंज़ीम उलेमा-ए-इस्लाम (एआईटीयूआई) ने इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करते हुए मांग की कि सरकार इस ‘‘सांप्रदायिक’’ कदम को वापस ले।

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एआईटीयूआई के अध्यक्ष मुफ्ती मोहम्मद अशफाक हुसैन कादरी ने आरोप लगाया कि ‘‘आयोग मुस्लिमों के पर्सनल लॉ में दखल दे रहा है।

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उत्तर प्रदेश चुनावों में वोटरों के ध्रुवीकरण के लिए आरएसएस के इशारे पर यह सब किया जा रहा है। इस दिशा में और कोई कदम उठाने पर 2017 के चुनावों में लोगों की ओर से करारा जवाब दिया जाएगा।’’

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कादरी ने कहा कि ‘‘हम चाहते हैं कि आयोग अपने कदम वापस ले।’’ प्रदर्शनकारियों ने जैन, सिख, पारसी और ईसाई जैसे अल्पसंख्यक समुदायों से भी अपील की कि वे उनके विरोध प्रदर्शन में शामिल हों। संस्था ने उनसे कहा कि ‘‘उनके अधिकारों में भी दखलंदाजी की जा सकती है।’’