दिल्ली:
कांग्रेस ने स्कार्पीन पनडुब्बी परियोजना के डाटा लीक होने की जांच उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश से कराए जाने की आज एक बार फिर मांग की और कहा कि ‘‘क्रॉस.सर्विस’’ सुरक्षा आडिट से ही सच्चाई सामने आ सकती है।
पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में सवाल किया कि मोदी सरकार क्यों ‘‘क्रॉस.सर्विस’’ सुरक्षा आडिट को स्वीकार करने की इच्छुक नहीं है। यह घटना एक व्यापक आडिट का कारण हो सकती है। उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री उच्चतम न्यायालय के किसी न्यायाधीश से जांच से क्यों परहेज कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत को ऐसी स्थिति का सामना करना पड सकता है जहां स्कार्पीन बेडे की पहली पनडुब्बी का परीक्षण चल रहा है और सुरक्षा खतरे में है।
उन्होंने कहा कि हम सरकार से जानना चाहेंगे कि राष्ट्रीय सुरक्षा के संबंध में इस लीक के व्यापक आयाम के बारे में वे क्यों पूरी तरह से इंकार का रूख अपनाये हुए हैं।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पनडुब्बी के संबंध में कुछ ब्यौरा सार्वजनिक होता है तो इसकी सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
तिवारी ने यह सवाल भी किया कि स्थिति के मद्देनजर क्या सरकार फ्रांसीसी कंपनी डीसीएनएस के साथ करार के संदर्भ के तहत कुछ कदम उठाए हैं।