बयान में राज्य की मौजूदा स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए कहा गया कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का मानना है कि एक स5य समाज में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। इसमें कहा गया, ‘‘राष्ट्रीय संप्रभुता के मुद्दों पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।’’ बैठक में दोनों सरकारों से कहा गया कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए कि राज्य में शिक्षा संस्थानों, सरकारी कार्यालयों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का कामकाज जल्द से जल्द सामान्य हो।
उन्होंने सरकार से सभी नागरिकों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने और आंदोलन में घायल हुए नागरिकों एवं सुरक्षाकर्मियों को इलाज मुहैया कराने के लिए प्रभावी कदम उठाने का अनुरोध किया।
बैठक के बाद माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि उन्होंने तत्काल विश्वास बहाली के उपाय शुरू करने का समर्थन किया जिसमें पैलेट गन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने, घायलों को चिकित्सीय मदद उपलब्ध कराने और सुरक्षा बलों के कथित अत्याचारों की जांच कराना शामिल है।