दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी कैबिनेट के शीर्ष सहयोगियों पर जम्मू..कश्मीर में संकट को ‘‘बदतर’’ बनाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने आज कहा कि राज्य ‘‘पूरी तरह अराजकता की तरफ बढ़ रहा है’’ और सत्तारूढ़ पीडीपी से कहा कि विपक्ष के साथ मिलकर हिंसा को समाप्त करने का रास्ता निकालें।
चिदम्बरम ने कहा, ‘‘मुझे चिंता है कि जम्मू..कश्मीर में स्थिति पूरी तरह अराजकता की तरफ जा रही है। पिछले छह हफ्ते में स्थिति खराब होने की पूरी जिम्मेदारी पीडीपी..भाजपा सरकार पर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री के बयान से संकट और बढ़ गया है। शब्दों और कार्रवाइयों से स्थिति को सुधारा जा सकता है।’’ चिदंबरम के गृह मंत्री रहते विश्वास बहाली के कई उपाय शुरू किए गए थे जिसमें घाटी में सुरक्षा बलों की उपस्थिति को कम करना भी शामिल था।
उन्होंने बयान जारी कर कहा, ‘‘कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और अगर चाहे तो पीडीपी को एकजुट होकर हल ढूंढना चाहिए। सबसे पहले हिंसा को खत्म करने के लिए तुरंत समाधान खोजना चाहिए और फिर ऐसा रास्ता खोजना चाहिए जो जम्मू..कश्मीर के लोगों के लिए उम्मीद, शांति और समृद्धि लेकर आए।’’ बहरहाल कांग्रेस ने चिदंबरम के बयान को ‘‘उनका व्यक्तिगत विचार’’ बताया।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनुसिंघवी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हर व्यक्ति लिखने और बोलने के लिए स्वतंत्र है जब तक वह अपना व्यक्तिगत विचार, उम्मीद, इच्छा प्रकट कर रहा है जो पार्टी के विचार के खिलाफ नहीं जाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज उन्होंने अपना विचार प्रकट किया है। हमने यह भी कहा है कि जब तक हमारे पास जनादेश नहीं है तब तक हम कश्मीर के मामले में दखल नहीं देंगे। कल हमारे पास जनादेश होगा, कौन जानता है कि हम कश्मीर पर शासन करेंगे और आपसे बेहतर प्रशासन देंगे जो आज आप दे रहे हैं। जम्मू..कश्मीर में दो सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगियों के बीच जुड़ाव नहीं होने की बात करते हुए सिंघवी ने कहा, ‘‘हमारे पास ऐसा गठबंधन नहीं होना चाहिए जो एक..दूसरे से बात नहीं करते। जब कुछ होता है तो भाजपा पीडीपी पर हमला करती है, केंद्र सरकार उस पर हमला करती है और फिर वे गठबंधन सरकार में एक हो जाते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए आज यह वास्तविक मुद्दा है। कल क्या होगा यह कहना मुश्किल है। कोई ऐसी वार्ता नहीं हो रही है, कोई ऐसी नीति नहीं है कोई ऐसा चुनाव नहीं है। किसी ने उम्मीद जताई है और यह उनका निजी विचार है।’’ चिदम्बरम ने अपने बयान में कहा कि प्रदर्शन कर रहे युवकों, अन्य नागरिकों और सुरक्षा बलों की जान जाने से सब कुछ विध्वंसक होता जा रहा है और यह रूकना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात से भयभीत हूं कि वर्तमान सरकार संकट का हल नहीं ढूंढ पा रही है।’’ हिज्बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी की आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ मुठाभेड़ में मारे जाने के बाद पिछले 40 दिनों से कश्मीर घाटी में हिंसक प्रदर्शन के कारण सामान्य जनजीवन बाधित है। अभी तक अशांति के कारण 63 लोगों की मौत हो चुकी है।