दिल्ली
चीन के विदेश मंत्रालय ने आज कहा कि भारत और चीन ने कुछ खास मुद्दों पर विचारों का स्पष्ट आदान प्रदान किया है और वे इस बात पर सहमत हुए कि मतभेदों को अपने संपूर्ण संबंधों को प्रभावित नहीं करने देंगे। साथ ही, उन्होंने वार्ता और परामर्श के जरिए मुद्दों का हल करने का संकल्प लिया।
मंत्रालय ने बताया, ‘‘विदेश मंत्री वांग यी ने जी 20 हांगझाउ सम्मेलन और ब्रिक्स नेताओं की आठवीं बैठक से ठीक पहले भारत की यात्रा की, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत के साथ रणनीतिक संचार करना था।’’ मंत्रालय ने वांग की यात्रा पर प्रेस ट्रस्ट के एक सवाल के लिखित जवाब में कहा, ‘‘यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच सर्वाधिक महत्वपूर्ण आमराय यह बना कि दोनों ही देश दोनों सम्मेलनों को सफल बनाने के लिए एक दूसरे का समर्थन करने को रजामंद हुए हैं।’’ अक्तूबर में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन की तैयारियों को देखने के लिए गोवा की यात्रा करने के अलावा वांग ने अपनी भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज से नयी दिल्ली में 13 अगस्त को वार्ता की तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात की थी।
लिखित जवाब के मुताबिक दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि दोनों के मतभेदों से कहीं अधिक साझा हित हैं, प्रतिस्पर्धा से कहीं अधिक सहयोग के पहलू हैं और इसलिए द्विपक्षीय संबंधों में खास मतभेदों को एक उपयुक्त स्थान पर रख देना चाहिए ताकि संपूर्ण दोस्ताना पर इसका असर ना पड़े।
इसने कहा है कि इसके अलावा दोनों देशों को वार्ता और परामर्श के जरिए खास समस्याओं के हल पर भी काम करना चाहिए। संभवत: इसने एनएसजी में भारत के प्रवेश और पाक आधारित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की आतंकी सूची में दर्ज कराए जाने पर मतभेदों का जिक्र करते हुए यह कहा।