‘BJP को आजादी का मोल नहीं पता’

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कांग्रेस ने जीएसटी लागू करने की घोषणा के लिए 30 जून की आधी रात को बुलाई गई संसद की विशेष बैठक के बहिष्कार की घोषणा की है। कांग्रेस ने कहा है कि संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आधी रात को होने वाले सारे कार्यक्रम आजादी से जुड़े रहे हैं। कांग्रेस ने कहा कि 1947 में मिली आजादी, 1972 में आजादी की सिल्वर जुबली और 1997 में आजादी की गोल्डन जुबली के कार्यक्रम आधी रात को सेंट्रल हॉल में हुए थे। कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उन्होंने (बीजेपी) आजादी के आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया इसलिए उन्हें आजादी का मोल नहीं पता, लेकिन कांग्रेस और विपक्ष को इसकी अहमियत पता है।

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश, आनंद शर्मा और रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस की आपत्तियों को साझा किया। गुलाम नबी आजाद ने आजादी के कार्यक्रमों का हवाला देने के बाद देश में मॉब लिन्चिंग की घटनाओं, अल्पसंख्यकों, दलितों, महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों को लेकर भी केंद्र और प्रदेश की बीजेपी सरकारों पर निशाना साधा। आजाद ने कहा, ‘देश में जो कुछ हो रहा है उसपर हमारे पीएम चुप्पी साधे हैं, बीजेपी के कैबिनेट मंत्री चुप्पी साधे हैं। सीएम चुप्पी साधे हुए हैं। बीजेपी के शासन में यह क्या हो रहा है।’

उन्होंने कहा कि लगातार किसानों की आत्महत्या की घटनाएं सामने आ रही हैं। किसानों की दुर्दशा है। देश के विभिन्न राज्यों में अल्पसंख्यकों और दलितों की बेदर्दी से हत्याएं हो रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इनपर न तो बीजेपी के सीएम ही कोई ऐक्शन लेते हैं न ही केंद्रीय सरकार। गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘लगातार महिलाओं पर हो रही हिंसा, बहू-बेटियों की चीख पुकार नहीं सुनी जा रही। यह सरकार बहरी है। उन्हें गरीबों की, महिलाओं की, दलितों की, अल्पसंख्यकों की चीख सुनाई नहीं देती।’

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गुलाम नबी आजाद ने बताया कि इस तरह की हिंसा और असुरक्षा के भाव पर सरकार की चुप्पी, वह दूसरी वजह है जिससे कांग्रेस ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है। उन्होंने कहा कि लगातार देश में बढ़ रही बेरोजगारी, कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर तक बिगड़ते हुए आंतरिक हालात और सीमाओं की सुरक्षा पर केंद्र सरकार का कोई ध्यान नहीं है। गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को मॉब लिन्चिंग और अल्पसंख्यकों, दलितों के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर सोशल मीडिया समेत दूसरे प्लैटफॉर्म पर हुए प्रदर्शनों के लिए लोगों का शुक्रिया कहा।

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उन्होंने कहा, ‘मैं कांग्रेस की तरफ से महाराष्ट्र के उन बुद्धिजीवियों, लेखकों, पत्रकारों, सोशल ऐक्टिविस्ट, शहरी-ग्रामीण औरतों और मर्दों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिन्होंने प्रदर्शन किया। हिंदुस्तान के सभी शहरों में जो विरोध प्रदर्शन हुए उनके लिए उन्हें बधाई। बहुसंख्यकों लोगों ने देश के अल्पसंख्यकों की लिन्चिंग के खिलाफ विरोध किया। इसका मतलब है कि देश में पंथनिरपेक्षता जिंदा है।’