पेड़ों की कटाई को लेकर दिल्ली कैंट प्रशासन और सरकार आमने-सामने

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दिल्ली सरकार और केन्द्र के बीच तनातनी का माहौल अभी शांत हो भी नहीं पाया कि इसी बीच दिल्ली सरकार का कैंट प्रशासन के साथ नया विवाद शुरू हो गया। दिल्ली सरकार ने कैंट प्रशासन पर बिना इजाजत के रिज एरिया से हजारों पेड़ काटने, नियमों की धज्जियां उड़ाने और वातावरण को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। जी हां नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के उपाध्यक्ष करण सिंह तंवर ने आरोप लगाया है कि दिल्ली कैंट प्रशासन ने बरार स्क्वायर से इंद्रपुरी क्षेत्र के बीच लगभग 100 एकड़ में लगे हजारों पेड़ों को काट कर उस जमीन पर मकान बनाने का काम शुरू कर दिया है। जबकि इसके लिए वन विभाग और एनजीटी से अनुमति नहीं ली गई।

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पालिका केंद्र में बुधवार को आयोजित प्रेसवार्ता में तंवर ने कहा कि साल 2014 में गूगल मैप के अनुसार वहां हजारों पेड़ थे, लेकिन मौजूदा गूगल मैप में साफ दिखाई दे रहा है कि वहां सारे पेड़ काट दिए गए हैं। ऐसे में दिल्ली कैंट प्रशासन ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि इस स्थान पर सेना ने अपनी 61 कैवेलरी यूनिट का स्थानांतरण करने का फैसला लिया है। जबकि यह क्षेत्र रिज क्षेत्र के तहत आता है। सेना ने यहां पूरा जंगल और पेड़ साफ कर डाला है।

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उन्होंने आरोप लगाया कि यहां से काटे गए हजारों पेड़ों की लकड़ियों को भी बेच दिया गया है। उन्होंने कहा कि एनजीटी ने बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए रिज क्षेत्र में किसी भी तरह के निर्माण कार्य के लिए सख्त निर्देश दे रखे हैं, ऐसे में न केवल दिल्ली कैंट प्रशासन बल्कि सेना ने भी नियमों का उल्लंघन कर पर्यावरण के साथ खिलवाड़ किया है। इस संबंध में जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए रक्षा मंत्री मनोहर र्पीकर को भी पत्र लिखकर इस मामले की जानकारी दी गई है। इन आरोपों को लेकर सेना के अधिकारियों से संपर्क किया गया, लेकिन किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

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