नरेंद्र मोदी सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने जातिवाद और छुआछूत के खिलाफ कड़ा बयान देते हुए शनिवार (आठ अप्रैल) को कहा, “आप कुआं हमसे खुदवाते हैं, लेकिन हमें पानी नहीं पीने देते…हम मूर्तियां बनाते हैं लेकिन मंदिरों के दरवाजे हमारे लिए बंद हैं। ” गहलोत मध्य प्रदेश के उज्जैन में डॉक्टर भीमराव आंबेडकर पर आयोजित एक राष्ट्रीय परिचर्चा में बोल रहे थे।
गहलोत ने कार्यक्रम में कहा, “कुआं हमसे खुदवा लेते हो, वो जब आपका हो जाता है तो पाी पीने से रोक देते हो। तालाब बनाना हो तो मजदूरी हमसे करवाते हो, उस समय हम उसमें पसीने भी गिराते हैं, थूकते हैं, लघु शंका आती है तो दूर जाने की बजया उसी में करते हैं, परंतु जब उसका पानी पीने का अवसर आता मिलता है तो फिर कहते हो कि अबदा जाएगा। आप मंदिर में जाकर मंत्रोचार कर प्राण-प्रतिष्ठा करते हो, उसके बाद वे दरवाजे हमारे लिए बंद हो जाते हैं। आखिर कौन ठीक करेगा इसे? मूर्ति हम बनाए, भले ही आपने पारिश्रमिक दिया होगा, पर दर्शन तो हमें कर लेने दो, हाथ तो लगा लेने दो।”