न्होंने कहा, ‘परमाणु हथियारों से संपन्न कुछ निश्चित देशों के विपरीत भारत के परमाणु हथियार सैन्य संतुलन के लिए नहीं है, न ही परंपरागत सैन्य संदभरें में किसी प्रकार की कथित हीन भावना को दूर करने के लिए इनका निर्माण किया है और न ही युद्ध के मैदान पर संचालनात्मक सैन्य आवश्यकता या कुछ सामरिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ऐसा किया गया है।’
मेनन ने अपनी पुस्तक में चेताया कि भारत की परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल नहीं करने की घोषित नीति है लेकिन यदि पाकिस्तान भारत की घोषित रेड लाइन को पार करके उसके खिलाफ ‘यहां तक कि पाकिस्तान में भारतीय बलों के खिलाफ’ सामरिक परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा तो यह भारत द्वारा बड़े स्तर पर पहले हमला करने के दरवाजे प्रभावी रूप से खोल देगा।
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान का सामरिक परमाणु हथियार इस्तेमाल भारत को उसके खिलाफ व्यापक स्तर पर पहले हमला करने के लिए स्वतंत्र कर देगा।’ उन्होंने कहा, ‘भारत जैसे देश के पास युद्ध के इतर प्रतिक्रिया देने के कई अन्य माध्यम भी हैं।’































































