इंटरनेशनल कोर्ट में बड़ा केस हारा भारत , 6700 करोड़ रुपये का हो सकता है नुकसान

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हेग (नीदरलैंड) : भारत दो सैटलाइट्स और स्पेक्ट्रम वाली डील कैंसल करने से जुड़ा बहुत बड़ा केस अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में हार गया है। अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के मामले में मात खाना भारत के लिए महंगा पड़नेवाला है। केस हारने से देश को करीब 67 अरब रुपये नुकसान होने की आशंका है। इतना ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय निवेशकों की नजर में भी देश की छवि खराब हो सकती है। देवास मल्टिमीडिया द्वारा दायर मामले में हेग के इंटरनैशनल ट्राइब्यूनल ने भारत सरकार के खिलाफ फैसला दिया।

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इंडियन स्पेस ऐंड रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) के कमर्शल आर्म ऐंट्रिक्स ने साल 2005 में यह कॉन्ट्रैक्ट कैंसल किया था। देवास ने 2015 में अंततराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायालय में भारत सरकार के खिलाफ मुकदमा कर दिया क्योंकि इसरो सरकार की ही संस्था है।
डील के मुताबिक ऐंट्रिक्स एस-बैंड स्पेक्ट्रम में लंबी अवधि के दो सैटलाइट्स ऑपरेट करने पर राजी हो गया था। लेकिन, बाद में उसने डील कैंसल कर दी। ट्राइब्यूनल ने कहा कि डील कैंसल कर सरकारा ने उचित नहीं किया जिससे देवास मल्टिमीडिया के निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ।

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