आतंकी हमले से दहल उठी बांग्लादेश की राजधानी

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ढाका। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में शुक्रवार की रात उच्च सुरक्षा वाले राजनयिक गुलशन जोन में आतंकवादियों ने कथित रूप से बीस लोगों को बंदी बना लिया उसके बाद रात भर पुलिस और आतंकियो के बीच कड़ी फ़ाइरिंग होती रही। सुरक्षा बल इसी बीच रेस्तरा में घुसने में कामयाब हो गए हैं। खबर आने तक यहां चार लोगों की मौत हो चुकी थी। मारे गए लोगों में 2 पुलिसकर्मी और दो इटली के नागरिक बताए जा रहे हैं। होली आर्टिसन नाम के इस रस्टरेंट में हथियारों से लैस 9 आतंकवादी घुस आए और उन्होने ताबड़ तोड़ गोलियां चलाई। इस हाई प्रोफाइल रेस्तरां में अक्सर विदेशी नागरिकों और राजनयिकों का आना जाना लगा रहता है।

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11 घंटे तक लगातार चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में अबतक पुलिस 12 लोगों को छुड़ाने में कामयाब रही है। बांग्लादेश पुलिस के मुताबिक रेस्तरा के अंदर इतालवी जापानी समेत कई लोगों और राजनयिकों के बंधक होने की आशंका है। रैपिड एक्शन बटाल्लीओन यानि आरएबी के प्रमुख बेनज़ीर अहमद ने बताया कि पुलिस आतंकवादियों से बातचीत की भी कोशिश कर रही है। गोलीबारी में ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के तकरीबन 30 जवान घायल हो गए हैं।

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इस हमले के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हड़कंप मच गया। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना घटना को लेकर सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क बनाए हुए हैं. इस बीच बांग्लादेश के गृह मंत्री ने आपात बैठक बुलाई है। नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने बताया की हम हालात पर नज़र रखे हुए हैं और पूरी कोशिश कर रहे हैं की हर पल की जानकारी हमारे पास हो।
हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएसआईएस ने ली है। बताया जा रहा है कि ये आतंकी यहां हैंड ग्रेनेड लेकर आए थे। और इनका मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने का था।

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बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों और सेक्यूलर ब्लॉगरों पर इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों की ओर से हमले करने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। शनिवार सुबह एक पुजारी पर सात-आठ अपराधियों के एक गिरोह ने हमला किया। वहीं शुक्रवार को ही दिन में एक हिंदू पुजारी और एक बौद्ध नेता की इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने बेरहमी से हत्या कर दी। सात जून को भी पश्चिमी बांग्लादेश में 65 साल के एक हिंदू पुजारी को जान से मार दिया गया था।