कश्मीर से एक चौंकाने वाली ख़बर सामने आई है। बताया जा रहा है कि कश्मीर में हिंसा जारी रखने के लिए अब तक पूरे 4 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। एनडीटीवी को सरकारी अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस पैसे से ही पिछले तीन हफ्ते से जारी हिंसा को हवा मिल रही है। अधिकारी ने बताया कि इस पैसे का ज्यादातर हिस्सा बॉर्डर पार से आया था। इस पैसे को वरिष्ठ और छोटे दोनों स्तर के अधिकारियों तक पहुंचाया गया था। अधिकारी के मुताबिक, यह पैसा ऐसे अलगाववादी संगठनों को भी दिया गया जो पाकिस्तान को सपोर्ट करते हैं। जिसमें जमात ए इस्लामी और दुखतरन ए मिल्लत शामिल हैं। मिल्लत की मुखिया आयशा इंद्राबी हैं। आयशा को 2015 में पाकिस्तान के राष्ट्रदिवस पर हिंदुस्तान में उसका झंडा फहराने का दोषी भी पाया गया था। ख़बर में बताया गया है कि, ‘घाटी के युवाओं को विरोध और फोर्स पर हमला करने के लिए पैसे दिए जा रहे हैं।’
कश्मीर में हालात हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद बिगड़े थे। अबतक 65 से ज्यादा लोग मर चुके हैं और 5 हजार से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। इसमें फोर्स के लोग भी शामिल हैं। विरोध कर रहे लोग लगातार पुलिस और सेना को निशाना बना रहे हैं। मंगलवार (16 अगस्त) को भी सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) की एक बस पर हमला हुआ था। बदले में CRPF ने हमला किया जिसमें 5 लोग मारे गए थे।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह कश्मीर के हालातों पर लगातार अपनी नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने फोर्स को संयम से काम करने की सलाह भी दी थी।