कावेरी जल विवाद: SC ने कर्नाटक-तमिलनाडु से कहा ‘जीओ और जीने दो’

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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
फाइल फोटो।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी नदी का पानी छोड़ने के मुद्दे पर अदालत कक्ष में एक-दूसरे पर आरोप लगाने वाले तमिलनाडु और कर्नाटक को ‘जीओ और जीने दो’ की सलाह दी। न्यायमूर्ति दीपक मिश्र और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने कहा कि ‘‘तमिलनाडु की स्थिति हर जगह पानी, पानी, लेकिन पीने को एक बूंद नहीं, की है। कर्नाटक को कुछ कदम उठाने होंगे जिससे कि दूसरा राज्य (तमिलनाडु) अपने अस्तित्व में रह सके। इस विवाद में ‘जीओ और जीने दो’ के सिद्धांत को अपनाने की आवश्यकता है।’’

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पीठ से भावुक अपील और विचारशील सलाह तब आई जब तमिलनाडु न्यायालय के संज्ञान में यह बात लेकर आया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा है कि उसके (तमिलनाडु के) लिए पानी की एक बूंद नहीं जारी की जाएगी।

कर्नाटक की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एफएस नरीमन ने कहा कि हाल में बारिश की ‘‘कमी वाले महीने’’ रहे हैं और तमिलनाडु को देय पानी जारी करना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि पंचाट ने कम बारिश वाले महीनों के दौरान पानी जारी करने के बिन्दु पर कर्नाटक के लिए विकल्प उपलब्ध नहीं कराया है।

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तमिलनाडु ने हाल में याचिका दायर कर कर्नाटक को यह निर्देश दिए जाने का आग्रह किया था कि वह इस सत्र में 40 हजार एकड़ में फैली सांबा फसलों को बचाने के लिए 50.52 टीएमसी फुट पानी जारी करे। जवाब में कर्नाटक ने कहा कि उसके चार जलाशयों में करीब 80 टीएमसी फुट पानी की कमी है।

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न्यायालय ने जोर देकर कहा कि ‘‘हम यह अनुमान नहीं लगा सकते कि कितनी बारिश होगी, लेकिन यदि पंचाट अवार्ड में फॉर्मूला है तो कर्नाटक इससे बंधा है।’’ शीर्ष अदालत पांच सितंबर को मामले में विस्तार से सुनवाई करेगी।