एक्सपर्ट्स का मानना है कि नोटों में विभिन्नता होने की वजह से मार्केट में नकली नोटों को आसानी से घुमाया जा सकता है। कई सालों तक आपराधिक मामलों को संभालने वाले एक आईपीएस ऑफिसर ने बताया, ‘लोगों को नोट पर सारे फीचर को समझने में दिक्कत होती है और नोट लेने से पहले एक-एक चीज वे चेक नहीं कर पाते हैं। ऐसे में अगर अलग-अलग नोट मार्केट में होंगे तो लोगों के लिए असली और नकली में फर्क करना मुश्किल हो जाएगा।’
आरबीआई की प्रवक्ता अल्पना किलावाला ने बताया, ‘ऐसा लगता है कि जल्दबाजी के कारण वे नोट भी जारी हो गए हैं, जिनमें प्रिंटिंग की कुछ कमियां रह गई थीं। लेकिन लोग आराम से इन नोटों का लेन-देन कर सकते हैं या अगर उनको गड़बड़ी लगती है तो आरबीआई को लौटा भी सकते हैं।’
एक्सपर्ट्स का मानना है कि नोटों में विभिन्नता होने की वजह से मार्केट में नकली नोटों को आसानी से घुमाया जा सकता है। कई सालों तक आपराधिक मामलों को संभालने वाले एक आईपीएस ऑफिसर ने बताया, ‘लोगों को नोट पर सारे फीचर को समझने में दिक्कत होती है और नोट लेने से पहले एक-एक चीज वे चेक नहीं कर पाते हैं। ऐसे में अगर अलग-अलग नोट मार्केट में होंगे तो लोगों के लिए असली और नकली में फर्क करना मुश्किल हो जाएगा।’