दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रक्षा, सुरक्षा, आतंकवाद निरेाधक और व्यापार जैसे अहम क्षेत्रों में रणनीतिक द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तौर तरीके पर वियतनाम के शीर्ष नेतृत्व के साथ व्यापक बातचीत करने के लिए अपनी पहली यात्रा पर आज उसकी राजधानी हनोई पहुंचे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, ‘‘हेलो टू हनोई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो देशों की अपनी यात्रा के पहले चरण में आज देर रात वियतनाम पहुंचे।’’ पिछले 15 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली वियतनाम यात्रा है। उसके बाद वह रविवार को शुरू हो जी 20 सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन के हांगझोउ जायेंगे।
मोदी कल वियतनाम के प्रधानमंत्री न्गुयेन शुयॉन फुक से व्यापक बातचीत करेंगे तथा राष्ट्रपति त्राण दाई छ्वांग से भी मिलेंगे।
उनका कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव न्गुयेन फू ट्रोंग और नेशनल एसेम्बली की अध्यक्ष न्गुयेन थी किम न्गान से भी मिलने का कार्यक्रम है।
रक्षा, सुरक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, व्यापार एवं संस्कृति जैसे कुछ ऐसे मुद्दे हैं जो दोनों पक्षों के बीच की वार्ता में उठेंगे।
मोदी महान नेता हो ची मिन्ह को श्रद्धांजलि भी देंगे, उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में उन्हें 20 वीं सदी के महान नेताओं में एक बताया था। वह मोन्यूमेंट ऑफ हीरोज एंड मार्टस पर माल्यार्पण करेंगे एवं छुआन सू पगोड़ा भी जायेंगे।
हो चिन्ह मिन्ह को कम्युनिस्ट वियतनामी वियतनामी जार्ज वाशिंगटन भी कहते हैं, उनके नाम पर एक शहर भी है । उनके निधन के बाद उनके अनुयायियों ने उनके पार्थिव शरीर पर विशेष लेप लगाकर शव को एक मकबरे में रख लिया जहां उन्हें अब भी पूजा जाता है।
यात्रा पर जाने से पहले मोदी ने वियतनाम के सरकारी रेडियो नेटवर्क ‘वॉयस ऑफ वियतनाम’ के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘वियतनाम के प्रधानमंत्री और मैं क्षेत्रीय सहयोग और स्थिरता तथा हमारे बहुआयामी सहयोग पर विचार विमर्श करेंगे।’’ मोदी ने कहा, ‘‘हमारे बहुआयामी रिश्तों में जोर अपने दोनों देशों के साथ साथ एशिया और एशिया के बाहर के क्षेत्रों में भी स्थिरता और शांति बनाए रखने, आर्थिक प्रगति तथा समृद्धि पर है।’’ मोदी ने कहा कि भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नति का लक्ष्य अपने पूर्वी पड़ौसी देशों के साथ आर्थिक क्षेत्र के साथ साथ सुरक्षा, सामरिक और राजनीतिक क्षेत्र, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और रक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिए भागादीदारी विकसित करना है। प्रधानमंत्री ने रेडियो से बातचीत में वियतनाम को आसियान संगठन का महत्वपूर्ण सदस्य बताया और कहा कि वह भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का महत्वपूर्ण स्तंभ है।
भारत का ओएनजीसी विदेश लिमिटेड तीन दशक से भी अधिक समय से वियतनाम में तेल उत्खनन परियोजनाओं में लगा है ओर इस द्विपक्षीय यात्रा के दौरान इस क्षेत्र में नयी परियोजनाओं का एलान भी हो सकता है।
वर्ष 2015 से 2018 तक वियतनाम, भारत के लिये आसियान समन्वयक रहा है। दोनों देशों ने इस दौरान भारत-आसियान और मेकांग-गंगा सहयोग रूपरेखा के क्षेत्र में आपसी भागीदारी को मजबूती देने के लिये दृढ प्रतिबद्धता जताई है । मोदी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘‘हम वियतनाम के साथ मजबूत आर्थिक संबंध बनाना चाहते हैं जो हमारे नागरिकों के लिए परस्पर लाभकारी हो। वियतनाम की यात्रा के दौरान लोगों के बीच संबंध मजबूत करना भी हमारी कोशिश होगी। ’’
































































