उरी हमला: आतंकियों के मददगारों के खिलाफ NIA नहीं जुटा पाई सबूत, दोनों की होगी वतन वापसी

0
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

सेना को दिए दोनों युवकों अवान और खुर्शीद ने बताया था कि वह जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर के आदेश पर उरी हमले के आतंकियों की भारत में घुसने में मदद की थी। सेना को दिए बयान में अवान ने अपनी उम्र 20 साल बताई थी। उसने कहा था कि वह गुल अकबर का बेटा है। खुर्शीद ने अपनी उम्र 19 साल बताई थी और अपने पिता का नाम चौधरी खर्शीद बताया था। वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि ये दोनों लड़के अभी बालिग नहीं है। इनमें से एक 10वीं का छात्र है।

इसे भी पढ़िए :  पाक पीएम पर भड़के सलीम खान, कहा नवाज़ का नाम बे-नवाज़-शरीर होना चाहिए था

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले में 19 भारतीय जवान शहीद हुए थे। इसके बाद 21 सितंबर को इन दोनों युवकों अवान और खुर्शीद को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, इन दोनों युवकों को रिहा करने के बाद उरी हमले की जांच एनआईए जारी रखेगी।

इसे भी पढ़िए :  पुंछ सेक्टर में पाकिस्तान ने किया सीज़फायर का उल्लंघन, भारतीय सेना भी दे रही है करारा जवाब

फैजल और अहसान, दोनों ही अब क्लोजर रिपोर्ट दाखिल होने के बाद वापस पाकिस्तान जा सकेंगे। वहीं भारत-पाकिस्तान, दोनों देशों के बीच ‘दोस्ताना’ संबंध बढ़ाने की कोशिश के चलते भी इन्हें वापस भेजने की योजना है। पीओके में इनकी वापसी की तारीख गृह मंत्रालय की तरफ से तय की जाएगी। गौरतलब है पिछले महीने गलती से भारतीय सेना के एक जवान चंदू चव्हाण गलती से पाकिस्तानी सीमा पार चले गए थे। च्वहाण की हाल ही में सुरक्षित अपने देश में वापसी हुई है। ऐसे में इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि फैजल और अहसान, दोनों को ही वापस इनके घर भेजा सकता है।

इसे भी पढ़िए :  देश के इतिहास में पहली बार कश्मीरियों ने चीन से लगाई मदद की गुहार
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse