नई दिल्ली/हैदराबाद : नोटबंदी के बाद सरकार की ओर से किए गए दावों में कहा गया था कि कि इससे जाली नोटों के नेटवर्क को तोड़ने में सफलता मिलेगी। लेकिन नकली नोटों के कारोबारियों ने सरकार के सामने एक बार फिर चुनौती पेश कर दी है। पता चला है कि सीमा पार से 2000 रुपये के नकली नोट बड़े पैमाने पर छापकर देश में भेजने की साजिश की जा रही है। 2000 का एक नकली नोट 1000 रुपये तक में बेचने की कोशिश की जा रही है। यह जानकारी मिलने के बाद सभी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, सभी राज्यों के डीजीपी को इस सिलसिले में रिपोर्ट भेजी गई है।
पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश बॉर्डर सीमा पार से नकली नोट लाने का बड़ा ठिकाना बताया जाता रहा है। नोटबंदी से पहले और बाद में भी यहां भारतीय करंसी के नकली नोटों की बड़ी खेप पकड़ी जा चुकी है। दिसंबर 2016 और जनवरी 2017 के बीच कई बार 2,000 रुपये के नकली नोट जब्त किए गए हैं। 8 फरवरी को मुर्शिदाबाद में एक युवक के पास 2,000 रुपये के 40 नकली नोट मिले थे। पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए नकली नोटों में वॉटरमार्क सहित नोट के कई फीचर्स और कलर स्कीम की हूबहू नकल की गई थी, जिससे इनकी पहचान करने में काफी मुश्किलें आई थीं।
15 फरवरी को फिर बीएसएफ ने बांग्लादेश बॉर्डर पोस्ट के करीब सर्च ऑपरेशन में नकली नोट की बड़ी खेप पकड़ी थी। इस दौरान पकड़े गए लोगों ने कबूल किया था कि बांग्लादेश बॉर्डर से नकली नोट पश्चिम बंगाल भेजे जा रहे हैं। इसके बाद ऐसे नोट पूरे देश में भेजे जाएंगे। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के भी इस नेटवर्क में शामिल होने की सूचना मिली थी। बताया गया था कि आईएसआई नेपाल के रास्ते देश में 2000 रुपये के नकली नोट भेजने की कोशिश में है। इसके बाद मामले की जांच एनआईए को दे दी गई थी।
केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को माना कि नोटबंदी के सकारात्मक पहलुओं से जनता को बीजेपी पूरी तरह अवगत नहीं करवा सकी। नायडू ने कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा, ‘हालांकि हमें अप्रत्याशित तबकों से समर्थन मिला। लेकिन पार्टी की एक कमजोरी यह है कि नोटबंदी के मुद्दे पर हम लोगों को उस स्तर पर जाकर नहीं बता सके जितनी जरूरत थी। हमें यह मानना पड़ेगा।’
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