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आपको हम बता दें कि शुक्रवार को केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने वर्ष 2016-17 में जीडीपी वृद्धि 7.1 प्रतिशत रहने का अग्रिम अनुमान जारी किया। एक साल पहले यह 7.6 प्रतिशत रही थी। विनिर्माण, खनन और निर्माण क्षेत्र में गिरावट आने की वजह से जीडीपी वृद्धि धीमी पड़ी है। जबकि सरकार ने कहा है कि नोटबंदी के प्रभाव को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
चिदंबरम पहले से भी नोटबंदी पर सवाल उठाते रहे हैं। वह 500 और 1,000 रपये के नोट वापस लेने के फायदे को लेकर पूछते रहे हैं। उन्होंने कहा, नोटबंदी की वजह से जीडीपी वृद्धि और कम होगी। एक प्रतिशत कमी का मतलब है 1,50,000 करोड़ रपये का नुकसान।
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