दिल्ली
अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बलूचिस्तान का जिक्र किए जाने पर पाकिस्तान ने आज दावा किया कि इसने उसकी यह दलील साबित कर दी है कि भारत इस प्रांत में कथित तौर पर आतंकवाद को उकसाता आ रहा है।
पाकिस्तान ने यह भी कहा कि बलूचिस्तान की स्थिति की तुलना कश्मीर से नहीं की जा सकती।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कश्मीर में पिछले पांच हफ्तों से चल रही भयानक त्रासदी से सिर्फ ध्यान भटकाना चाहते हैं।
अजीज के हवाले से विदेश कार्यालय के एक बयान में कहा गया है, ‘‘पाकिस्तान का अभिन्न हिस्सा बलूचिस्तान का जिक्र पाकिस्तान की इस दलील को साबित करता है कि भारत अपनी मुख्य गुप्तचर एजेंसी ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के जरिए बलूचिस्तान में आतंकवाद को शह दे रहा है। ’’ स्वतंत्रता दिवस समारोह पर आज अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बलूचिस्तान और पाक के कब्जे वाले कश्मीर का जिक्र किए जाने के बाद अजीज की टिप्पणी आई है।
गौरतलब है कि यह पहला मौका है जब पाकिस्तान के नियंत्रण वाले अशांत इलाकों का किसी प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के भाषण में जिक्र किया है।
अजीज ने दावा किया कि भारत की संलिप्तता ‘रॉ’ के सक्रिय सेवारत नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव की सार्वजनिक इकबालिया बयान से पुष्टि हुई है जिन्हें इस साल मार्च में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था।
अजीज ने दावा किया कि हजारों की संख्या में निहत्थे युवा कश्मीर में आत्मनिर्णय के अपने अधिकार के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं जहां 70 से अधिक बेकसूर कश्मीरी मारे गए हैं और 6,000 से अधिक घायल हुए हैं, जबकि पिछले 37 दिनों से लगातार कर्फ्यू और मीडिया पर पूर्ण रूप से पाबंदी है। अजीज ने कहा, ‘‘इन घटनाओं का आतंकवाद से कोई लेना देना नहीं है। आत्मनिर्णय के लिए यह एक देशी आंदोलन है, एक अधिकार जिसका वादा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कश्मीरियों से किया था।’’ अजीज ने कहा कि भारत एक बड़ा समुदाय है, यह दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा समुदाय है और इसे अवश्य स्वीकार करना चाहिए लेकिन एक बड़ा देश अपने आप ही एक महान देश नहीं बन जाता, खासतौर पर तब जब यह अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रहे बेकसूर नागरिकों के खिलाफ ऐसे निर्मम बल प्रयोग करे या जब यह 100 से अधिक युवकों की आंखों की रोशनी छीनने के लिए जानबूझ कर पैलेट गन का इस्तेमाल करे।
उन्होंने कहा कि भारत को कश्मीर के मूल मुद्दे को अवश्य ही मान्यता देनी चाहिए। इस मुद्दे का हल गोलियों से नहीं हो सकता और भारत और पाकिस्तान के बीच गंभीर वार्ताओं के जरिए एक राजनीतिक हल की जरूरत है।
कश्मीर पर वार्ता के लिए भारत को औपचारिक तौर पर पाकिस्तान द्वारा न्योता दिए जाने के बाद अजीज की टिप्पणी आई है।
इससे पहले, बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के इस कथन को खारिज कर दिया कि उनके प्रांत में दमन हो रहा है। साथ ही, उन्होंने भारत पर वहां संकट पैदा करने का आरोप लगाया।
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री नवाब सनाउल्ला जेहरी ने कल यह टिप्पणी की। इसके पहले मोदी ने पिछले हफ्ते कश्मीर मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक में कहा था कि हमारे पड़ोसी देश द्वारा बलूचिस्तान और इसके कथित कब्जे वाले जम्मू कश्मीर के इलाकों में किए जा रहे अत्याचारों का खुलासा करने का वक्त आ गया है।
पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रांत की राजधानी क्वेटा में एक समारोह को संबोधित करते हुए जेहरी ने कहा कि बलूचिस्तान और कश्मीर के बीच कोई तुलना नहीं है। जेहरी ने कहा, ‘‘सरकार और बलूचिस्तान के लोगांे ने प्रांत की स्थिति पर मोदी के बयान को सिरे से खारिज कर दिया है।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय गुप्तचर एजेंसी के प्रभाव में आकर मुट्ठी भर बदमाश बलूचिस्तान में शांति विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं। बलूचिस्तान के लोग वफादार और देशभक्त हैं..वे पाकिस्तान से प्रेम करते हैं और देश के दुश्मनों के नापाक मंसूबों को कभी कामयाब नहीं होने देंगे।
जेहरी ने बलूचिस्तान में अशांति के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि भारतीय नौसेना के सेवारत अधिकारी की गिरफ्तारी पाकिस्तान के दावे को सही ठहराता है।
जेहरी ने आरोप लगाया, ‘‘बलूचिस्तान में आतंकवाद, चरमपंथ और शांति विरोधी गतिविधियों के पीछे भारत का हाथ है।’’