पाकिस्तान द्वारा गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र को पांचवां प्रांत घोषित करने की तैयारी के खिलाफ बलूच नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। बलूच नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस्लामाबाद को इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के इस प्रयास से पीओके के लोगों में गुस्सा और भड़केगा और बड़े पैमाने पर विरोध के लिए प्रेरित करेगा।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में संयुक्त कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी के विदेश मामलों के विदेश मंत्री जमाल मकसूद ने कहा, “पाकिस्तान की योजना हर स्तर पर अवास्तविक है क्योंकि इस मामले में स्थानीय सहमति की जरूरत है, जिसे वे कभी नहीं प्राप्त कर सकते है।”
मकसूद ने कहा, “गिलगिट-बाल्टिस्तान, जहां कि 20 लाख आबादी रहती है, जम्मू और कश्मीर का हिस्सा है, जो राज्य के बाकी हिस्सों से अलग नहीं हो सकती। अगर पाकिस्तान इसे विलय करेगा, ये वास्तविकता से परे है, क्योंकि इस मामले में और अन्य औपचारिकताओं में स्थानीय सहमति की आवश्यकता है। नहीं तो गंभीर नतीजों का सामना करने के लिए पाकिस्तान तैयार रहे।”
बलूच के नेता ने कहा कि भारत को सभी प्लेटफार्मों पर इस बात को उजगार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लोग पहले से ही इस मामले पर अपना क्रोध और चिंता दिखा चुके हैं, लेकिन अगर यह लागू किया गया है, तो इस क्षेत्र के लोग “सभी स्तरों पर इसका विरोध करेंगे”।