विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद हर कोई इस बात पर अड़ा है कि चुनावों में EVM में कोई गलती हुई है। लेकिन गोवा में बीजेपी की बनी सरकार पर एक अलग ही विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस ने बीजेपी पर बार करते हुए आरोप लगाया है कि उन्होंने गैर कांग्रेसी विधायकों को लुभाने के लिए खरीद-फरोख्त में 1,000 करोड़ रुपये खर्च किए।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव गिरीश चोडनकर ने पणजी से दो बार विधायक निर्वाचित हुए सिद्धार्थ कुनकोलिनकर को गोवा विधानसभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किए जाने का भी विरोध किया। उन्होंने कहा कि कुनकोलिनकर की निष्पक्षता संदेहास्पद है, क्योंकि वह 2012-2014 के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के राजनीतिक सहायक और संयुक्त सचिव के रूप में काम कर चुके हैं।
IANS से बातचीत के दौरान चोडनकर ने कहा, “भारतीय जनता पार्टी ने विधायकों को खरीदने के लिए 1,000 करोड़ रुपये खर्च किए।” चोडनकर ने यह आरोप ऐसे समय में लगाया है, जब बीजेपी के नेतृत्व वाली गोवा सरकार को गुरुवार को सदन में बहुमत साबित करना है। पर्रिकर को मंगलवार को एक गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई थी।
बीजेपी नेतृत्व वाले गठबंधन में भाजपा के 13, गोवा फॉरवर्ड पार्टी और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के तीन-तीन और निर्दलीय तीन विधायक शामिल हैं। चोडनकर ने यह भी कहा कि बीजेपी महासचिव सदानंद शेट तनावडे को खरीद-फरोख्त और विधायकों को दी गई धनराशि की पूरी जानकारी है। तनावडे से जब फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस निराधार आरोप लगा रही है।
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